आरयू वेब टीम।
कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया। सरकार ने कार्ड से पेट्रोल-डीजल खरीदने पर पंप मालिकों और ग्राहकों पर पड़ने वाले बोझ को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।
इन दोनों पर पड़ने वाले शुल्क को अब बैंक और तेल कंपनियों के ऊपर डाल दिया गया है। कार्ड पेमेंट पर लगने वाले शुल्क को अब यही दोनों एडजेस्ट करेंगे। पेट्रोलियम मेंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज मीडिया को बताया कि मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) का बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला जाएगा।
वित्तीय विभाग की एक बैठक में शामिल होने के बाद श्री प्रधान ने कहा कि यह एक वाणिज्यिक फैसला है, इससे अब तेल कंपनियों और बैंक को ही निपटना होगा।
बता दें कि पंप पर कार्ड से पेमेंट करने पर एमडीआर ग्राहकों से वसूला जाता था, लेकिन नोटबंदी के फैसले के बाद 30 दिसंबर तक इसे समाप्त कर दिया गया था। बाद में इसे शुरू किया गया तो पंप संचालकों ने इसका भारी विरोध शुरू कर दिया।
पंप मालिकों ने अपने ऊपर बढ़ते बोझ को देखते हुए यहां तक एलान कर दिया था कि वह कार्ड से पेमेंट लेना ही बंद कर देंगी। हालांकि सरकार के नए फैसले के बाद ग्राहकों और पंप मालिकों को राहत तो निश्चित रूप से मिल गई, लेकिन इस पर अभी बैंकों और तेल कंपनियों का नजरिया सामने आना बाकी है।