आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण और उसके अफसरों की सबसे ज्यादा किरकिरी कराने वाली अवैध निर्माण की ठेकेदारी पर एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार का भी धैर्य आज जवाब दे गया। वीसी ने समीक्षा बैठक करते हुए कार्रवाई को सिर्फ नोटिस काटने तक सीमित रखते हुए अवैध निर्माण को बढ़ावा देने वाले इंजीनियर, अफसर व पेशकारों के पेंच कसते हुए सुधरने की चेतावनी दी है।
बैठक के दौरान विहित प्राधिकारियों ने आज वीसी को इंजीनियरों की कारस्तानियों से अवगत कराते हुए बताया कि कई अवर अभियंता बस अवैध निर्माण की नोटिस ही काटने तक कार्रवाई को सीमित रख रहें हैं, इससे अवैध निर्माण के खिलाफ सीलिंग व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई आदेश नहीं जारी हो पा रहें हैं। अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले की मंशा भांपते हुए प्रथमेश कुमार ने विहित प्राधिकारी न्यायालय में योजित अवैध निर्माण के मुकदमों में जवाब नही दाखिल करने वाले अफसर-इंजीनियरों को जमकर फटकार लगायी।
महीनेभर में दाखिल करें सभी मामलों की रिपोर्ट
विहित प्राधिकारी की कोर्ट में अटके करीब पांच सौ अवैध निर्माणों के मामलों पर वीसी ने जोनल अधिकारियों, जेई-एई व पेशकारों को कार्यशैली में सुधार करने की चेतावनी देते हुए कहा कि एक महीने के अंदर सभी लंबित प्रकरणों में जवाब दाखिल हो जाना चाहिए। वहीं प्रथमेश कुमार ने माना जोन द्वारा जवाब नहीं दाखिल किये जाने से तमाम प्रकरण विचाराधीन रहते हैं, जिससे अवैध निर्माणकर्ताओं को बल मिलता है।
सुधारे लापरवाही नहीं तो दस बजे तक पड़ेगा बैठना
वहीं अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई में लापरवाही बरतने वाले अफसर-इंजीनियरों को भी चेताते हुए उपाध्यक्ष ने कहा कि काम में मन नहीं लग रहा है तो रात दस बजे तक ऑफिस में बैठना होगा। अवैध निर्माण पर कार्रवाई में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी।
रिसीलिंग कर दर्ज कराएं मुकदमा
वीसी के सामने आज बैठक में यह मामला भी उठा कि कई जगाहों पर इंजीनियरों व अधिकारियों के संरक्षण या लापरवाही के चलते अवैध निर्माणकर्ताओं ने सील तोड़कर फेंक दी है। इस पर भी आपत्ति जताते हुए उपाध्यक्ष ने इंजीनियर व अधिकारियों को निर्देश दिया कि अवैध निर्माणों की सील नियम विरूद्ध तरीके से जहां भी खुली है उसे सील कराने के साथ ही दोषियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाए। जिससे कि अवैध निर्माणकर्ताओं में एलडीए की हनक बनी रहे।
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हर हाल में तय दिन ही सील हो अवैध निर्माण,…
बैठक के दौरान उपाध्यक्ष ने बारी-बारी से सभी अधिकारियों से जवाब तलब किया। उनसे बीते दो महीनों में अवैध निर्माण के खिलाफ की गयी कार्यवाही का ब्योरा मांगा। इसमें समीक्षा की गयी कि कितने प्रकरणों में सीलिंग के आदेश पारित हुये और इनके सापेक्ष कितने मामलों में स्थल पर आदेश का अनुपालन किया गया। इसमें काफी फर्क मिलने पर उपाध्यक्ष ने जोनल अधिकारियों व अभियंताओं को सख्त निर्देश दिये कि सीलिंग के आदेश पारित होने पर हर हाल में निर्धारित दिन पर अवैध निर्माण सील होना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर संबंधित स्टॉफ की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें रिपोर्ट दी जाए, जिसके आधार पर संबंधित दोषी (इंजीनियर, अफसर व बाबू) के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
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वहीं बैठक में आज कुछ इंजीनियर व अफसर अधूरी जानकारी के साथ पहुंचें। इस पर भी वीसी खासे नाराज हुए अधिकारियों को फटकार लगाते हुए निर्देश दिये कि अगली बार बैठक में पूर्ण सूचना के साथ प्रतिभाग करें।
शमन के लिए प्रेरित करें इंजीनियर
उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने कहा कि जनसुनवाई में ऐसे कई मामले सामने आए, जिनमें लोगों ने सही जानकारी के आभाव में बिना मानचित्र स्वीकृत कराये निर्माण कार्य करा लिया या फिर स्वीकृत मानचित्र के विपरीत अतिरिक्त निर्माण करा लिया और अब वह लोग कार्यवाही की जद में आ गये हैं। उपाध्यक्ष ने अभियंताओं को निर्देश दिये कि ऐसे लोगों को सही जानकारी देते हुए उन्हें शमन मानचित्र स्वीकृत कराकर अपने निर्माण को नियमित कराने के लिए प्रेरित करें।
अवैध निर्माणों के खिलाफ चलाएं अभियान
इसके अलावा उपाध्यक्ष ने निर्देश दिये कि शहर में अवैध रूप से निर्मित किये जा रहे बहुमंजिला भवनों, व्यावसायिक निर्माणों व रो-हाउस भवनों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही की जाए।
बैठक में अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह व सोमकमल सीताराम समेत सभी जोनल अधिकारी, सहायक अभियंता, अवर अभियंता व पेशकार मौजूद रहें।