आरयू ब्यूरो
लखनऊ। हिमोडॉयलेसिस के महंगे खर्च से बचने का अब राजधानी में लोगों को मौका मिल गया है। आज चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बलरामपुर चिकित्सालय में किडनी मरीजों के लिए हिमोडायलेसिस यूनिट का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमोडायलेसिस यूनिट का संचालन तीन शिफ्टों में किया जाएगा।
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हर शिफ्ट में दस-दस मरीजों के डायलेसिस किए जाएंगे। अस्पताल में पंजीकरण पहले आओ पहले पाओं के आधार पर किया जाएगा। किडनी मरीजों के लिए यह सेवा बिल्कुल निशुल्क होगी। इस यूनिट को वाराणसी के हेरिटेज अस्पताल के पीपीपी मॉडल के आधार पर शुरू किया गया है।
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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बलरामपुर अस्पताल प्रादेशिक चिकित्सा सेवाओं का बड़ा और महत्वपूर्ण चिकित्सालय है। प्रदेश सरकार का हिमोडायलेसिस यूनिट की स्थापना कराया जाना बहुत ही सराहनीय कदम है। इससे लखनऊ के साथ ही आस-पास के जिलों के रोगियों को भी काफी लाभ होगा और उन्हें इलाज के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा।
उन्होंने यह भी कहते हुए वादा किया कि प्रदेश में किडनी के मरीजों के लिए डायलेसिस सेवा की और अधिक आवश्यकता है, इसके लिए जल्द ही समस्त जिला मुख्यालयों के चिकित्सालयों में हिमोडायलेसिस यूनिट की स्थापना कराई जाएगी। फिलहाल 18 जिला मुख्यालयों के चिकित्सालयों में हिमोडायलेसिस यूनिट की स्थापना कराई जा रही है।
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प्रदेश के पांच चिकित्सालयों में यह यूनिट स्थापित हो भी चुकी है, जबकि अन्य 13 चिकित्सालयों में इसकी स्थापना का कार्य चल रहा है। आंकड़ों के आधार पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि किडनी रोग से औसतन हर साल 13 हजार लोग प्रभावित होते हैं। इनके इलाज के लिए कम से कम 4100 डायलेसिस मशीनों की आवश्यकता है।
इस मौके पर डा0 महेन्द्र सिंह, सचिव आलोक कुमार, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा0 पद्माकर सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक डा0 एमवाई सिद्दीकी सहित अस्पताल के अन्य डॉक्टर भी मौजूद रहे।