ओपी राजभर ने कहा, “मुसलमान को ठगने में सबसे आगे कांग्रेस, दूसरे नंबर पर सपा”

ओम प्रकाश राजभर
फाइल फोटो।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। कांग्रेस को मुसलमान को ठगने वाली सबसे प्रमुख पार्टी करार देते हुए दावा किया कि देश पर आधी सदी से भी ज्यादा समय तक शासन करने वाली इस पार्टी की नीतियों के कारण सरकारी नौकरियों में मुसलमानों की भागीदारी एक प्रतिशत भी नहीं है।

मीडिया से बातचीत में रविवार को राजभर ने अल्पसंख्यक समुदाय के वोटों के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा, ”मुसलमानों को ठगने में कांग्रेस नंबर वन पार्टी है। उसके बाद प्रदेश में समाजवादी पार्टी और तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी है।” ये लोग वोट के लिए मुसलमानों के बारे में बहुत सारी बातें करते हैं, लेकिन उन्होंने उनकी बेहतर शिक्षा के लिए क्या किया है।”

राजभर ने आज यह भी दावा किया कि आजादी के बाद सरकारी नौकरियों में 38 प्रतिशत मुसलमान थे, लेकिन कांग्रेस 50 साल से अधिक समय तक सत्‍ता में रही और उनकी नीतियों के कारण आज सरकारी नौकरियों में मुसलमान की भागीदारी एक प्रतिशत भी नहीं है। राजभर ने सवाल उठाया, “इसके लिए कौन जिम्मेदार है। क्या भाजपा जिम्मेदार है? उन्होंने (कांग्रेस, सपा और बसपा) अल्पसंख्यकों और भाजपा के बीच खाई पैदा कर दी है।

राजभर ने कहा मैं मुस्लिम भाइयों से आग्रह करूंगा कि वे नफरत छोड़ें और विकास के लिए लड़ें। इन लोगों (कांग्रेस और सपा) को छोड़ें और हमारे साथ आकर योजनाओं का लाभ उठाएं।” राजभर ने दावा किया कि कम से कम 15 से 20 प्रतिशत मुसलमान भाजपा को वोट देने जा रहे हैं और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतेगा।

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इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने यह भी कहा, “आम जनता इस बात को स्वीकार कर रही कि पिछली सपा और कांग्रेस सरकार में दंगे होते थे और कर्फ्यू लगाया जाता था। इससे उन्हें राहत मिली है। लोग सपा सरकार को गुंडों की सरकार कहते थे।”

सुभासपा प्रमुख ने आगामी लोकसभा चुनाव में 400 सीटें जीतने के भाजपा के दावे के सच होने का कारण गिनाते हुए कहा, ”यह दावा सच होगा क्योंकि भाजपा और उसके सभी गठबंधन सहयोगी जमीन पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं… दूसरी ओर विपक्ष केवल सोशल मीडिया मंच पर अपने विचार पोस्ट कर रहा है।”

गौरतलब है कि राजभर की पार्टी सुभासपा ने साल 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था, मगर उसने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का साथ छोड़ दिया था।

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