आरयू संवाददाता,
लखनऊ। राजधानी में रफ्तार के कहर ने सोमवार को पीजीआइ की महिलाकर्मी समेत कार बना रहे मिस्त्री की जान ले ली। रोडवेज बस को ओवरटेक करने के चक्कर में बेकाबू हुई तेज रफ्तार कार का ड्राइवर हादसे के बाद वाहन छोड़कर मौके से भागने में सफल रहा। फिलहाल पुलिस शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाने के साथ ही कार चालाक का पता लगाने का दावा कर रही है।
बताया जा रहा है दोपहर में इलाहाबाद की ओर से हाईकोर्ट लिखी हुई टाटा की विस्टा कार आ रही थी। तभी पीजीआइ इलाके की रायबरेली रोड पर संभाखेड़ा के पास रोडवेज की एक बस को ओवरटेक करने के चक्कर में चालक ने कार की स्पीड बढ़ा दी।
रफ्तार के चलते अनियंत्रित हुई कार ने गाय को टक्कर मारने के साथ ही वहां से पैदल गुजर रही पीजीआइ में सफाईकर्मी के पद पर तैनात किशुन देवी को रौंद दिया, जिससे महिला की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गयी। इसके बाद भी चालक ने कार नहीं रोकी और पास में ही एक गैराज के बाहर सड़क पर इंडिगो कार बना रहे मिस्त्री मोद्दसिर को भी रौंदने के साथ ही इंडिगो में जोरदार टक्कर मार दी।
फिल्मी स्टॉइल में सड़क पर घिसटती गयी कारें
टक्कर के बाद भी कार की स्पीड इतनी ज्यादा थी कि दोनों कारें फिल्मी स्टाइल में करीब 50 मीटर तक सड़क पर घिसटने के बाद पलट गयी। बेकाबू कार की रफ्तार का कहर और टक्कर की तेज आवाज सुन मौके पर लोगों को जुटता देख चालक मौके पर कार छोड़ पैदल ही भाग निकला। वहीं हादसे के बाद लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को देने के साथ ही पीजीआइ कर्मी और कार मिस्त्री को पास के एक निजी अस्पताल पहुंचाया। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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राजेश ने कहा पिता जी के बाद मां भी चली गयी किसके सहारे जिएंगे हम
हादसे में किशुन देवी की मौत के बाद उनके बेटे व बेटियों के अलावा बुजुर्ग मां का भी रो-रोकर बुरा हाल था। परिवार में अकेली कमाने वाली किशुन की मौत के बाद हर किसी को चिंता थी कि अब घर कैसे चलेगा। किशुन के बेटे राजेश ने बताया कि घर में दो बहनों के अलावा बूढ़ी नानी भी है। पांच साल पहले पिता जी की मौत हो गयी और आज मां भी हादसे के बाद उन लोगों को छोड़कर चली गयी, अब पूरा परिवार किसके सहारे रहेगा। मां पीजीआइ में सफाई कर्मी थी और हादस के समय पैदल ही बैंक से पैसा निकालने जा रही थी।
दो महीने बाद खुला था गैराज
दूसरी ओर रफ्तार की भेंट चढ़े कार मकैनिक मोद्दसिर के घरवालों का भी गम कुछ कम नहीं था। मोद्दसिर की मौत की खबर लगते ही परिजनों में कोहराम मचा था। हादसे का एक दुखद पहलू ये भी रहा कि पेट की आग बुझाने के लिए जिस गैराज के बाहर वह कार बना रहा था, वह गैराज भी दो महीने बाद आज ही खुला था।
…लेकिन पुलिस तो मैनेज करने में लगी रही
ड्राइवर की लापरवाही के चलते भले ही दो परिवारों में कभी नहीं भरने वाला गम मिलने के चलते कोहराम मचा हो, लेकिन पीजीआइ पुलिस तो मामले को मैनेज करने में लगी रही। दोपहर में भीषण हादसा होने के बाद भी रात दस बजे तक पीजीआइ पुलिस कार चालक को पकड़ना तो दूर चालक और कारमालिक का नाम तक नहीं पता लगा सकी थी। इंस्पेक्टर पीजीआइ का दावा था कि कार चालक और मालिक का नाम पता किया जा रहा है। वहीं घटनास्थल पर जुटे प्रत्यक्षदर्शियों का दावा था कि हादसे के समय चालक नशे में था। पुलिस को कार से कार के कागजात भी मिले थे, जिसपर कार मालिक के तौर पर जयविंद्र सिंह राठौर नाम दर्ज था।
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