पाक सरकार ने करतारपुर साहिब का प्रबंधन सिख गुरुद्वारा कमेटी से छीना, विदेश मंत्रालय ने जताया कड़ा विरोध

करतारपुर कॉरिडोर
फाइल फोटो।

आरयू, इंटरनेशनल डेस्‍क। पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंधन पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के हाथ से लेकर इमरान सरकार ने पाकिस्तान के विस्थापित ट्रस्ट प्रापर्टी बोर्ड को दे दिया है। इमरान सरकार के इस इकतरफा फैसले के प्रति भारत के सिख श्रद्वालुओं और सिखों की सर्वोच्च संसद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) में भारी रोष है। एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने पाकिस्तान के इस फैसले की कड़े निंदा की है तथा फैसले तुरंत वापस लेने की मांग की है।

विदेश मंत्रालय ने कहा है, “पाकिस्तान का करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंधन पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के हाथ से लेना निंदनीय है। यह दिखाता है कि पाकिस्तान के अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के दावे की सच्चाई क्या है। हम इस एकतरफा फैसले को वापस लेने की मांग करते हैं।” पाकिस्तान ने ये कदम ऐसे समय में उठाया है, जब गुरु नानक देव की जयंती है।

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पाक सरकार ने तीन नवंबर को करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के लिए नौ लोगों की एक कमेटी वाले नए प्रबंधन का एलान किया। इस नौ सदस्यीय कमेटी में पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का एक भी सदस्य शामिल नहीं किया गया है। पाक सरकार की आर्थिक मामलों की समिति ने इसका प्लान तैयार किया था। गुरु पर्व से पहले पाकिस्तान ने भारत को बड़ा झटका दिया है।

मालूम हो कि सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी ने ही श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की नींव रखी थी। गुरु नानक के अनुयायी उन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। गुरु नानक के जन्म दिवस के दिन गुरु पर्व या प्रकाश पर्व मनाया जाता है। गुरु नानक देव का जन्म राय भोई की तलवंडी (राय भोई दी तलवंडी) नाम की जगह पर हुआ था, जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित ननकाना साहिब में है। गुरु नानक जीवन के अंतिम चरण में करतारपुर बस गए।

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