फिर सपा सुप्रीमो बने अखिलेश यादव, अब पांच साल का होगा कार्यकाल

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समर्थकों को संबोधित करते अखिलेश यादव।

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। तमाम अटकलों को विराम लगाते हुए समाजवादी पार्टी की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी ने एक बार फिर अपने सुप्रीमो के रूप में पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के नाम पर मुहर लगाई है। ताज नगरी आगरा में हुए सपा के राष्‍ट्रीय अधिवेश में आज इसकी घोषणा निर्वाचन अधिकारी एवं सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने की।

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खास बात यह है कि सपा के दसवें राष्‍ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को पांच सालों के लिए पार्टी के मुखिया चुने जाने की घोषणा की। इससे पहले हर तीन साल पर सपा अध्‍यक्ष का चुनाव होता था।

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मंच पर झण्डांरोहण करते अखिलेश यादव साथ में आजम खान व अन्य।

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उनके दोबारा अध्यक्ष बनने के साथ ही आज यह भी लगभग तय हो गया कि 2019 में होने वाला लोकसभा और 2022 का विधानसभा चुनाव अखिलेश यादव के ही नेतृत्व में सपा लड़ेगी। वहीं इस घोषणा के दौरान सपा के पूर्व मुखिया मुलायम सिंह यादव और उनके छोटे भाई व अखिलेश के प्रतिद्वंद्वी शिवपाल यादव मौजूद नहीं थे। हालांकि पिछले दिनों हुए घटनाक्रम के बाद कल तक ये अंदेशा जताया जा रहा था कि मुलायम सिंह और शिवपाल यादव अधिवेशन में हिस्‍सा ले सकते है।

अखिलेश ने कहा नेताजी ने दिया आर्शीवाद

वहीं सपा अध्‍यक्ष बनने के बाद अखिलेश यादव ने मोदी और योगी सरकार की नीतियों पर जमकर निशाना साधा। पूर्व मुख्‍यमंत्री ने नोटबंदी और जीएसटी के नुकसान गिनाने के साथ ही अपने कार्यकाल में उत्‍तर प्रदेश में किए गए विकास कार्य भी बताएं। अखिलेश ने सपा से जुड़ें नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि वह आज से ही 2019 के लोकसभा चुनाव के साथ ही 2022 में होने वाले उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जुट जाएं।

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मुलायम सिंह यादव की गैरमौजूदगी में दूसरी बार सपा सुप्रीमो चुने गए अखिलेश यादव ने कहा कि वह चाहते थे नेताजी यहां आएं, लेकिन वह नहीं आए। साथ ही अखिलेश ने बताया कि नेताजी ने आज सुबह ही फोन पर उन्‍हें आर्शीवाद दिया है।

वहीं सपा के दसवें राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले आज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें अध्यक्ष के कार्यकाल की अवधि मौजूदा तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया। अखिलेश का आज सपा के अध्यक्ष पद पर दोबारा निर्वाचन महज औपचारिकता था, क्योंकि उन्हें चुनौती देने वाला कोई और उम्मीदवार नहीं था।

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सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में देश भर से पार्टी के हजारों प्रतिनिधियों ने हिस्‍सा लिया। इस अधिवेशन में विभिन्न राष्ट्रीय तथा स्थानीय मुद्दों पर विचार विमर्श भी किया गया और प्रस्‍ताव पारित किए गए।

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