आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विज्ञान भवन में प्रथम अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बैठक के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया। इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा, ‘ये समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है। ये समय उन संकल्पों का समय है जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। देश की इस अमृतयात्रा में व्यापार करने में आसानी और जीवन में आसानी की तरह ही न्याय की आसानी भी उतनी ही जरूरी हैं।’ कमजोर से कमजोर वर्ग को भी न्याय का अधिकार मिले।
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साथ ही पीएम ने कहा, ‘ई कोर्ट मिशन के तहत देश में वर्चुअल कोर्ट की शुरूआत हो रही है। ट्राफिक वाॅयलेशन जैसे अपराधों को लेकर 24 घंटे चलने वाले कोर्ट ने काम करना आरंभ कर दिया है। लोगों की सुविधा के लिए कोर्ट में वीडियो कान्फ्रेंसिंग इनफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया जा रहा है।’
टेक्नोलाजी निभा सकती है अहम भूमिका
आम नागरिक संविधान में अपने अधिकारों से परिचित हैं। वे अपने कर्तव्यों से परिचित हो, उसे अपने संविधान और संवैधानिक संरचनाओं की सूचना हो। रिजल्ट और रेमेडीज की जानकारी हो, इसमें भी टेक्नोलाजी एक बड़ी भूमिका निभा सकती है।
ईज ऑफ जस्टिस” भी जरूरी
पीएम मोदी ने कहा, ‘देश की इस अमृत यात्रा में “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” और “ईज ऑफ लिविंग” की तरह ही “ईज ऑफ जस्टिस” भी जरूरी है।’ प्रधानमंत्री ने वकीलों और जजों से कहा, ‘आप सब यहां संविधान के एक्सपर्ट और जानकार हैं। हमारे संविधान के आर्टिकल 39ए, जो डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स ऑफ स्टेट पॉलिसी के अंतर्गत आता है, उसने लीगल एड को बहुत प्राथमिकता दी है।’