योगी ने कसा तंज, राम के विरोधी मारीच का जीवन बन गया बोझ

गीत रामायण

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। यह मान्यता नहीं, वास्तविकता है कि जिसने राम का साथ दिया वह ओजस्वी बना। जैसे हनुमान जी घर-घर पूजे जाते हैं और वाल्‍मीकि रामायण लिखकर महाऋषि के नाम से अमर हो गये। ये बातें आज मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने राजभवन में आयोजित गीत रामायण कार्यक्रम के मौके पर कही।

वहीं अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण का विरोध करने वालों पर तंज कसते हुए योगी ने कहा कि राम का विरोध करने वाले मारीच का जीवन बोझ बन गया था, जबकि विदेशों में भी लोग राम के प्रति आस्था रखते हैं।

महाराष्ट्र के प्रसिद्ध साहित्यकार जीडी माडगुलकर एवं गीत रामायण के रचियता गायक सुधीर फड़के का जन्म शताब्दी वर्ष के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में यूपी के सीएम ने आगे कहा कि राम के नाम की ही ताकत है कि जीडी माडगुलकर एवं  सुधीर फड़के की जन्म शताब्दी पर गीत रामायण के चार कार्यक्रम राजभवन लखनऊ के साथ ही वाराणसी, आगरा और मेरठ में भी आयोजित किये गये। उन्होंने कहा कि राजभवन में ‘गीत रामायण’ वास्तव में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर बापू को श्रद्धांजलि है।

राम चन्द्र के जमाने से है यूपी-महाराष्ट्र का रिश्ता: राम नाईक

राज्‍यपाल राम नाईक ने कहा कि ये खुशी की बात है कि राजभवन में साल का पहला कार्यक्रम गीत रामायण से शुरू हो रहा है। राम नाईक ने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के रिश्ते के बारे में बात करते हुए कहा कि दोनों प्रदेशों का रिश्ता प्रभु राम चन्द्र के जमाने से है। राम का जन्म अयोध्या में हुआ था पर वनवास के समय वे नासिक में रहे। शिवाजी का राज्याभिषेक काशी के विद्वान गागा भट्ट ने किया था। 1857 के स्वतंत्रता समर में तात्या टोपे, झांसी की रानी आदि का भी महाराष्ट्र से संबंध था। आज का कार्यक्रम भी दोनों प्रदेशों के रिश्तों को और मजबूत करेगा।

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इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में महाराष्ट्र सरकार के वित्त एवं वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, प्रदेश की पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, महापौर संयुक्‍ता भाटिया, कुलपति प्रो. श्रुति सडोलीकर काटकर सहित अन्‍य लोग मौजूद रहें। कार्यक्रम का आयोजन उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार के बीच हुये सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अनुबंध के अंतर्गत भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्‍वविद्यालय, उत्तर प्रदेश मराठी समाज एवं महाराष्ट्र समाज लखनऊ के सहयोग से किया गया।

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