आरयू ब्यूरो, लखनऊ/बहराइच। भारत का इतिहास सिर्फ वह नहीं है, जो देश को गुलाम बनाने वालों या गुलामी की मानसिकता के साथ इतिहास लिखने वालों ने लिखा है। भारत का इतिहास वो भी है, जो भारत के सामान्य जन, लोकगाथाओं में रचा-बसा है। जिसे पीढि़यां एक से दूसरी पीढ़ी को बढ़ाते रहते हैं। महापुरुषों का त्याग, उनकी तपस्या, उनका संगम, उनकी वीरता, शहादत का स्मरण करना व उनसे प्रेरणा प्राप्त करना, इससे बड़ा कोई अवसर नहीं होगा।
उक्त बातें मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहराइच में महाराजा सुहेलदेव के भव्य स्मारक का वर्चुअल के माध्यम से शिलान्यास कर अपने संबोधन में कही। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि भारत और भारतीयता की रक्षा के लिए जिन्होंने जीवन समर्पित कर दिया, ऐसे अनेक नायक-नायिका को वह स्थान नहीं दिया था, जिसके वो हकदार थे। इतिहास रचने वालों के साथ इतिहास लिखने वालों के नाम पर हेरफेर करने वालों ने जो अन्याय किया, उसे आज का भारत सुधार रहा है। आज मुझे बहराइच में महाराजा सुहेलदेव के भव्य स्मारक के शिलान्यास का सौभाग्य मिला है। अपने पराक्रम से मातृभूमि का मान बढ़ाने वाले, राष्ट्रनायक महाराजा सुहेलदेव की जन्मभूमि और ऋषि मुनियों ने जहां तप किया, उस पावन धरती बहराइच को नमन करता हूं।
लोगों के जीवन को बनाएगा आसान
इस दौरान पीएम मोदी ने वसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज महाराजा सुहेलदेव के नाम पर बने मेडिकल कॉलेज को एक नया भवन भी मिला है। ये बहराइच के जीवन के लोगों को आसान बनाएगा। इसका लाभ आसपास के श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर के साथ ही नेपाल से आने वाले मरीजों को भी मिलेगा।
हमने नेता जी की पहचान को दुनिया के सामने किया सशक्त
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस, जो आजाद हिंद सरकार के पहले प्रधानमंत्री थे, क्या उनकी इस पहचान व योगदान को महत्व दिया गया, जो उनको मिलना चाहिए। आज हमने उनकी इस पहचान को अंडमान और निकोबार तक देश-दुनिया के सामने सशक्त किया है। हमने नेता जी सुभाष चंद्र बोस की पहचान को देश-दुनिया के सामने सशक्त किया।
बाबा साहब को भी सिर्फ राजनितीक चश्में से देखा
इतना ही नहीं देश की 500 से भी अधिक रियासतों को जोड़ने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल के साथ क्या किया गया?, यह बात देश का बच्चा-बच्चा जानता है। आज दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ सरदार पटेल की है, जो हमें प्ररेणा देती है। देश के संविधान देने वालों में अहम भूमिका देने वाले वंचित, पीड़ित, शोषित के आवास डा. बाबा साहब आम्बेडकर को भी सिर्फ राजनितीक चश्में से देखा है। आज भारत से लेकर इंग्लैंड तक डा. बाबा साहब आम्बेडकर से जुड़े स्थानों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है।
कृषि कानूनों को लेकर लगातार की जा रही भ्रम फैलाने की कोशिश
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर एक बार फिर किसानों को समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर लगातार भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही। जिन लोगों ने किसानों की जमीन छीन ली वो नहीं चाहते हैं कि किसानों की आमदनी बढ़े। हमारी सरकार देश के प्रत्येक नागरिक को समर्थ बनाने का प्रयास कर रही है।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहराइच के लिए आज अहम दिन है। आज से लगभग एक हजार वर्ष पूर्व विदेशी आक्रांत से इस धरती को पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए अपने शौर्य पराक्रम का प्रर्दशन इस धरती पर करने वाले धर्मरक्षक, राष्ट्र नायक महाराजा सुहेलदेव की जंयती का कार्यक्रम है।
पीएम मोदी के संबोधन के साथ स्मारक के कायाकल्प की नींव रखी गई। सीएम योगी के साथ मंच पर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, मुकुट बिहारी वर्मा तथा सांसद अछैवरलाल गोंड के साथ विधायक अनुपमा जायसवाल, सुभाष त्रिपाठी, सुरेश्वर सिंह व रामफेरन पाण्डेय भी मौजूद रहे।