सेना को अचूक निशाने वाला अर्जुन टैंक सौंप PM मोदी ने पुलवामा के शहीदों को याद कर कहा, उनकी बहादुरी करती रहेंगी प्रेरित

अर्जुन टैंक
अर्जुन टैंक के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सेना के अधिकारी।

आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु दौरे के दौरान चेन्नई में सेना प्रमुख एमएम नरवणे को अर्जुन मेन बैटल टैंक (एमके-1ए) सौंपा। इस स्वदेशी युद्ध टैंक का डिजाइन, विकास और निर्माण सीवीआरडीई, डीआरडीओ ने 15 अकादमिक संस्थानों, आठ प्रयोगशालाओं और कई एमएसएमई के साथ मिलकर किया है। चेन्नई में प्रधानमंत्री मोदी को पहले मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन से सलामी दी गई। इसके बाद मोदी ने भारतीय सेना को अर्जुन टैंक सौंपा।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मुझे स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए और बनाए गए अर्जुन मेन बैटल टैंक (एमके-1ए) को सौंपते हुए गर्व है। ये स्वदेशी गोला-बारूद का भी इस्तेमाल करता है। तमिलनाडु पहले ही भारत का ऑटोमोबाइल निर्माण का हब है, अब मैं तमिलनाडु को भारत के टैंक निर्माण के हब के रूप में विकसित होते देखता हूं।’

वहीं प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए हमले मे शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। साथ ही कहा कि हमें हमारे सुरक्षाबलों पर नाज है, ‘दो साल पहले पुलवामा हमला हुआ था। हम उस हमले में जान गंवाने वाले अपने सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं, हमें अपने सुरक्षाबलों पर गर्व है। उनकी बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।’

इसके अलावा पीएम ने तमिलनाडु को कई विकास परियोजनाओं की सौगात दी। चेन्नई पहुंचने पर तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीर सेल्वम ने पीएम मोदी का स्वागत किया। यहां कार्यक्रम स्थल पर मोदी ने एमजी रामचंद्रन और जयललिता को श्रद्धांजलि दी।

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इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चेन्नई के लोगों के स्वागत से अभिभूत हूं। चेन्नई उत्साह से भरा है, ये ज्ञान और रचनात्मकता का शहर है। चेन्नई को सौंपी गई परियोजनाएं नवाचार और स्वदेशी विकास का प्रतीक हैं। परियोजनाएं राज्य की तकनीकी और आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाएंगी।

गौरतलब है कि देश में निर्मित लड़ाकू विमान तेजस की सफलता के बाद अब इस स्वदेशी युद्धक टैंक सेना में शामिल हो गया है। जानकारी के मुताबिक 118 अर्जुन टैंक सेना में शामिल किए गए हैं। रक्षा मंत्रालय ने सभी 118 अर्जुन टैंक को सेना में शामिल करने की मंजूरी दी थी, जिसकी कीमत 8400 करोड़ रुपये बताई गई है। ये टैंक डीआरडीओ ने विकसित किया है। इस अर्जुन टैंक के सेना में शामिल किए जाने के बाद एक और बख्तरबंद रेजिमेंट बनाए जाएंगे। इससे पहले भी 124 टैंक सेना में शामिल किए जाने के बाद रेजिमेंट बनाई गई थी। अब रेजिमेंट गठित करने के लिए टैंकों की संख्या छह कम की गई है।