आरयू संवाददाता,
लखनऊ। एसएसपी कलानिधि नैथानी के लाख समझाने और कार्रवाई करने के बाद भी कुछ पुलिसकर्मी अब भी नहीं सुधरे हैं। इसका ताजा उदाहरण आज उस समय देखने को मिला जब पीजीआइ इलाके में कपड़े के एक दुकानदार की लूट के बाद बदमाश हत्या कर देते हैं। कल्ली पश्चिम पुलिस चौकी से कुछ दूरी पर स्थित एक बाग में दुकानदार का रक्तरंजित शव मिलने के बाद इतने संगीन मामले में भी पुलिस लिपापोती करते हुए हत्या को घंटों बाद भी सड़क दुर्घटना साबित करने की हिकमत लगाती रही।
दूसरी ओर पीजीआइ पुलिस की कार्यप्रणाली से आक्रोशित परिजनों ने कल्ली पश्चिम बाजार में शव रखकर नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बल प्रयोग कर घंटों बाद हाईवे से प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाया। पुलिस की कार्यप्रणाली से जनता में रोष है।
बताया जा रहा है कि मोहनलालगंज के कल्ली पूरब गांव निवासी राम प्रसाद का बेटा राकेश कुमार गौतम (35) लखनऊ के साप्ताहिक बाजारों में कपड़े की दुकान लगाकर पत्नी गीता व बेटे देव (06) व बेटी मांसी (03) का पेट पालता था। शनिवार को राकेश ने छोटे भाई सुरेश के साथ पीजीआइ में फुटपाथ पर कपड़े की दुकान लगायी थी। रात में सारा सामान समेटकर ठेलिये पर लादने के बाद राकेश घर आने के लिए निकला था, लेकिन सुरेश के घर पहुंचने के बाद देर रात तक राकेश वापस नहीं लौटा तो परिजन उसे ढूंढते हुए घर से पीजीआइ की ओर जाने लगे रास्ते में कल्ली पश्चिम के समीप सड़के किनारे राकेश की ठेलिया खड़ी थी, जबकि राकेश वहां नहीं था।
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काफी खोजबीन के बाद राकेश की लाश सड़क से करीब सौ मीटर की दूरी पर स्थित यूकिलिप्टस के बाग में रक्तरंजित अवस्था में मिली। शव देख परिजनों में रोना-पीटना मच गया़। राकेश के सिर पर किसी भारी वस्तु से वार किया गया था, साथ ही चेहरे व अन्य जगाहों पर भी चोट के निशान थे, जबकि उसकी जेब में रखे दुकानदारी के हजारों रुपए भी गायब थे।
परिजनों से सूचना पाकर रात में मौके पर पहुंची पुलिस हत्या को सड़क दुर्घटना बताने लगी, जिसका घरवालों ने विरोध किया। हालांकि पुलिस दुर्घटना की बात पर अड़ी रही और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया। दूसरी ओर आज सुबह सीओ कैंट चक्रेश मिश्र ने भी अपनी टीम के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया।
वहीं दोपहर में शव का पोस्टमॉर्टम होने के बाद परिजनों व ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखते हुए कल्ली पश्चिम बाजार में नेशनल हाईवे को जामकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीण हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी व राकेश के दोनों मासूम बच्चों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे थे।
चक्काजाम की खबर लगते ही मौके पर एसपी सर्वेश मिश्रा, सीओ कैंट चक्रेश मिश्र, सीओ मोहनलालगंज राजकुमार शुक्ला, मोहनलालगंज के तहसीलदार उमेश सिंह के अलवा पीजीआइ, मोहनलालगंज आशियाना और कैण्ट कोतवाली की पुलिस पहुंच गयी।
इस बीच लखनऊ-रायबरेली मार्ग बंद होने से वाहनों की लंबीं लाइनें लगने लगी, जिसे देखते हुए पुलिस व प्रशासनिक असफरों ने ग्रामीणों से शव को सड़क से हटाकर उसका अंतिम संस्कार करने के लिए मनाना शुरू कर दिया, हालांकि अधिकारियों की बातों पर भरोसा नहीं होने के चलते ग्रामीण हत्यारों की गिरफ्तारी और मुआवजे के लिए लिखा-पढ़ी करने की मांग पर अड़े रहे। मामला बनता नहीं देख पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ दिया। जिससे भड़के ग्रामीणों ने पत्थर भी चलाएं, हालांकि पथराव में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
परिजनों ने पुलिस पर लगाया लीपापोती का आरोप
मृतक के बड़े भाई सुंदर लाल ने बताया कि मेरे भाई की हत्या हुई और पुलिस दुर्घटना बता रही है। बाग में सड़क दुर्घटना की बात पर सवाल उठाते हुए सुंदर ने कहा कि सड़क पर शव होता तो एक बार ऐसा माना जा सकता था। उन्होंने कहा कि आशंका है कि सड़क पर ठेलिया खड़ी कर राकेश बाग में शौच के लिए गया होगा तभी वहां मौजूद बदमाशों ने उसकी हत्या कर पैसे लूट लिए होंगे।
नही थी किसी से कोई दुश्मनी
राकेश के पिता ने उन लोगों की किसी से भी कोई दुश्मनी की बात से इंकार किया है। वहीं पत्नी गीता देवी रोते-रोते बेहोश हो जा रही थी, उनका कहना था कि जो कभी गाली तक नहीं किसी को देते हो ऐसे इंसान की किसी से क्या दुश्मनी हो सकती है। वहीं मां को रोता देख मासूम बेटा देवा व बेटी मांसी का भी रोना नहीं रूक रहा था। बच्चों की ये हालत देख ग्रामीण भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे।
हत्या के पीछे स्मैकियों का हाथ होने की आशंका
घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर नशा करने वालों का नया और पुराना इंजेक्शन व शराब की बोतल पुलिस को मिली है। गांववालों के अलावा परिजनों ने भी आशंका जताया है कि राकेश शौच करने आया होगा, तभी वहां नशा कर रहे बदमाशों ने लूट के लिए उसे अपना निशाना बनाया होगा।
ग्रामीणों ने ये भी कहा कि हत्या जहां हुई उससे कुछ ही दूरी पर पुलिस चौकी है, लेकिन उसके बाद भी इलाके में स्मैकियों का जमावड़ा काफी समय से होता रहा है, जबकि पुलिस सबकुछ जानने के बाद भी खामोश बैठी थी, जिसके चलते आज एक युवक को जहां अपनी जान गंवानी पड़ी वहीं उसका परिवार हमेशा के लिए बिखर गया।
इंस्पेक्टर पीजीआइ ने कहा कि मृतक के पिता की तहरीर पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ लूट व हत्या से संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच की जा रही है।
परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने की बात पर सरोजनीनगर के नायब तहसीलदार ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया कि सोमवार को लेखपाल को भेजकर सरकारी सहायता के लिए प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।