ऑटो सेक्टर में मंदी को लेकर प्रियंका का मोदी सरकार पर हमला, नष्ट होते रोजगार पर सरकार की चुप्पी सबसे ज्यादा खतरनाक

पेपल लीक
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को ऑटो सेक्टर में मंदी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। प्रियंका ने कहा कि ऑटो सेक्टर के दस लाख लोगों की नौकरी पर खतरा है। यहां काम कर रहे लोगों को अपनी रोजी-रोटी के नए ठिकाने ढूंढने पड़ेंगे।

प्रियंका गांधी ने आज सोशल मीडिया के माध्‍यम से मीडिया रिपोर्ट टैग कर ट्वीट किया, जिसमें बताया गया कि ऑटो सेक्टर में 10 लाख लोगों की नौकरी पर खतरा है। कांग्रेस महासचिव ने ऑटो सेक्टर पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ‘ऑटो सेक्टर के दस लाख लोगों की नौकरी पर खतरा है।

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उन्‍होंने लिखा कि यहां काम कर रहे लोगों को अपनी रोजी-रोटी के नए ठिकाने ढूंढने पड़ेंगे। नष्ट होते रोजगार, कमजोर पड़ते व्यापार और अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ने वाली नीतियों पर भाजपा सरकार की चुप्पी सबसे ज्यादा खतरनाक है।’

गौरतलब है कि पिछले दिनों खबर आई थी कि लंबे समय से वाहन उद्योग मंदी का सामना कर रहा है। इस वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर में नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। कर्मचारियों की नौकरियां बचाने के लिए वाहनों के पुर्जे बनाने वाली कंपनियों के संगठन एक्मा (ऑटोमोबाइल कॉम्पोनेंट मैन्युफैक्चरर्स असोसिएश) ने एकजुट होने का फैसला किया है। संगठन ने कहा है कि अगर पूरे ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए जीएसटी 18 प्रतिशत कर दिया जाए तो नौकरियों को बचाया जा सकता है।

यहां बताते चलें कि वाहनों के पुर्जे बनाने वाली कंपनियों में लगभग 50 लाख लोग काम करते हैं। एक्मा के अध्यक्ष राम वेंकटरमानी ने कहा, ‘वाहन उद्योग बड़ी मंदी का सामना करना पड़ रहा है। वाहनों की बिक्री में कुछ महीनों में बड़ी कमी आई है।’

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जबकि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है और इस वजह से वाहनों का भविष्य साफ नजर नहीं आ रहा है। उनका कहना है कि वाहन क्षेत्र में निवेश कम हो गया है। संगठन ने इसके अलावा स्थिर इलेक्ट्रिक वाहन नीति की जरूरत बताई। वेंकटरमानी ने कहा कि ई-वाहन को पेश करने के लक्ष्य में और कोई भी बदलाव करने से देश का आयात बिल बढ़ेगा जबकि देश के मौजूदा कलपुर्जा उद्योग को भारी नुकसान होगा।

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