प्रियंका का सवाल, “किस तर्क से काटा जा रहा कर्मचारियों का DA, सरकार अनाप-शनाप खर्चें क्‍यों नहीं करती बंद, कोरोना से निपटने के लिए भी दिए सुझाव”

हाथरस में हैवानियत

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस के खतरे के चलते लागू लॉकडाउन के बीच केंद्र की मोदी व यूपी की योगी सरकार द्वारा कर्मचारियों के महंगाई भत्‍ते (डीए) पर रोक लगाने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सवाल उठाएं हैं। शनिवार को प्रियंका ने भाजपा सरकार के इस फैसले पर सीधे सवाल उठाते हुए पूछा है कि काम का दबाव झेल रहे सरकारी कर्मचारियों का मंहगाई भत्‍ता किस तर्क से काटा जा रहा है। कांग्रेस महासचिव ने सरकार के कुछ खर्चों का जिक्र करते हुए यह भी कहा है कि आखिरकार सरकारें अपने अनाप-शनाप खर्चों पर क्‍यों रोक नहीं लगा रहीं हैं। वहीं आज प्रियंका ने भाजपा सरकार को कुछ महत्‍वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा है कि कोरोना जैसी महामारी को सरकार व जनता मिलकर ही शिकस्‍त दे सकती है।

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कांग्रेस महासचिव ने शनिवार को सोशल मीडिया के जरिए भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्‍होंने ट्विट कर पूछा है कि सरकारी कर्मचारियों का डीए किस तर्क से काटा जा रहा है? जबकि इस दौर में उनपर काम का दबाव कई गुना हो गया है। दिन रात सेवा कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिसकर्मियों का भी डीए कटने का क्या औचित्य है? तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को इससे बहुत कष्ट है। पेन्शन पर निर्भर लोगों को यह चोट क्यों मारी जा रही है?

सरकारी व्यय में 30 प्रतिशत कटौती क्यों नहीं की जाती घोषित

साथ ही प्रियंका ने सरकार के खर्चों पर सवाल उठाते हुए अपने अगले ट्विट में कहा कि सरकारें अपने अनाप-शनाप खर्चे क्यों नहीं बंद करतीं? सरकारी व्यय में 30 प्रतिशत कटौती क्यों नहीं घोषित की जाती? सवा लाख करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना, 20,000 करोड़ की नई संसद भवन परियोजना जैसे गैरजरूरी खर्चों पर रोक क्यों नहीं लगती?

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टेस्टिंग ही कोरोना रोकथाम की कुंजी

वहीं प्रियंका ने आज सुबह अपने ट्विट के जरिए सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि पूरी दुनिया इस बात को मान चुकी है कि ढंग से और ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग ही कोरोना के रोकथाम की कुंजी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने दो दिनों से जांचो की संख्या बताना बंद कर दिया है।

आंकड़ों और सच्चाई छिपाने से समस्या हो जाएगी घातक

उन्होंने सुझाव दिया है कि टेस्टिंग को लेकर पूरी तरह से पारदर्शिता होनी चाहिए। ताकि जनता को जानकारी मिले और इस महामारी के खिलाफ समाज और प्रशासन एकजुट होकर लड़ पाए। आंकड़ों और सच्चाई को छिपाने से समस्या घातक हो जाएगी। यूपी सरकार को यह जल्द से जल्द समझना होगा। कांग्रेस महासचिव ने आज यह भी कहा कि यूपी के किस लैब में रोज कितने टेस्ट हो रहे हैं। केजीएमयू समेत प्रदेश के अन्य टेस्टिंग लैब की प्रतिदिन क्षमता क्या है? यह आंकड़ा जनता के समक्ष रखना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

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सख्त नियम पालन न होने से हो सकता है नुकसान

प्रियंका ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पूल टेस्टिंग के नाम से कई दर्जन लोगों के स्वाब इकठ्ठे एक ही किट द्वारा हो रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्टस ने इस प्रकिया के लिए सख्त नियम तय किये हैं। जिनका सही पालन न होने से नुकसान हो सकता है। सरकार को पूल टेस्टिंग के इस्तेमाल में पूरे सावधानी लेनी चाहिए और इस बारे में जनता को जानकारी देनी चाहिए।

क्वारंटाइन केंद्रों में डब्लूएचओ की गाइडलाइन बहुत ही महत्वपूर्ण

महासचिव ने ट्वीट कर यह भी सुझाव दिया है कि क्वारंटाइन केंद्रों में डब्लूएचओ की गाइडलाइन फॉलो करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। इन केंद्रो पर भोजन और नाश्ता की उपलब्धता, स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा प्रतिदिन जांच और केन्द्र की साफ-सफाई की रिपोर्ट जारी होनी चाहिए। क्वारंटाइन केंद्रों की अवधि पूरी होने पर घर भेजने के बाद भी दोबारा जांच करने की योजना जनता को स्पष्ट की जाए।

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