आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पुलिस कस्टडी में मारे गए व्यक्ति के परिजनों से मिलने आगरा जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के काफिले को बुधवार को पुलिस ने आगरा एक्सप्रेस वे के एंट्री पॉइंट पर रोक लिया। जिसके बाद प्रियंका आगरा जाने के लिए अड़ी रही और पुलिस व कांग्रेस नेताओं के बीच झड़प भी हुई, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। हालांकि काफी हंगामे के बाद देर शाम उन्हें आगरा जाने की इजाजत मिल गयी।
वहीं इससे पहले पुलिस की कार्रवाई से नाराज प्रियंका ने कहा कि वे कहते हैं कि मैं आगरा नहीं जा सकती। मैं जहां भी जाती हूं वे मुझे रोकते हैं। क्या मुझे रेस्टोरेंट में बैठे रहना चाहिए? सिर्फ इसलिए कि ये उनके लिए राजनीतिक रूप से सुविधाजनक है? मैं उनसे मिलना चाहती हूं, इसमें कौन सी बड़ी बात है? जब मैं पार्टी कार्यालय के अलावा किसी अन्य स्थान पर जाने की कोशिश करती हूं, तो वे (योगी सरकार) मुझे रोकने की कोशिश करते हैं…इससे जनता को भी असुविधा हो रही है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उत्तर प्रदेश सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है। आज भगवान वाल्मीकि जयंती है, पीएम ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं।
उन्होंने पूछा कि क्या आगरा में पुलिस हिरासत में मारे गए अरुण वाल्मीकि के लिए न्याय मांगना अपराध है? भाजपा सरकार की पुलिस मुझे आगरा जाने से क्यों रोक रही है। क्यों हर बार न्याय की आवाज को दबाने की कोशिश की जाती है? मैं पीछे नहीं हटूंगी।
प्रियंका ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा था कि किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? आगरा पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है। भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन यूपी सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है। उच्चस्तरीय जांच व पुलिस वालों पर कार्रवाई हो व पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले। वहीं यूपी पुलिस ने कहा है कि उनको इसलिए रोका गया, क्योंकि उनके पास अपेक्षित अनुमति नहीं थी। पुलिस ने कहा कि आपके पास अनुमति नहीं है, हम आपको अनुमति नहीं दे सकते।
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बता दें कि 17 अक्टूबर को एक गोदाम से 25 लाख रुपए की चोरी के मामले में कल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एक सफाई कर्मचारी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। एसएसपी आगरा मुनिराज ने बताया कि पूछताछ के दौरान उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया था। पुलिस ने उसके घर से 15 लाख रुपए बरामद किए, इसी दौरान वह बीमार पड़ गया। पुलिस और उसके परिवार ने उसे अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर ने उसे मृत लाया घोषित कर दिया। प्राथमिकी दर्ज की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एडीजी आगरा राजीव कृष्ण ने कहा कि हमारे अधिकारी उनके परिवार के संपर्क में हैं। वे सहयोग कर रहे हैं। किसी भी तरह की लापरवाही होने पर कार्रवाई की जाएगी। परिवार ने शिकायत दर्ज कराई है, उन्हें संदेह है कि उसे पुलिस ने पीटा था जिसके/ बाद उसकी मौत हो गई। प्राथमिकी दर्ज की गई है, मामले की जांच होगी।