आरयू संवाददाता,
लखनऊ। पुरानी पेंशन योजना की बहाली नहीं किए जाने को लेकर रविवार को एक बार फिर सूबे की राजधानी लखनऊ में कर्मचारियों ने रोष प्रकट किया। देश भर में लोकसभा चुनाव के माहौल में अपने मुद्दे गुम और पाकिस्तान, युद्ध, गाय, मंदिर जाति और धर्म के मुद्दों के चर्चा में बने रहने व जनहित के मुद्दों की जगह धार्मिक उन्माद के हावी होन पर भी कर्मचारी नेताओं ने रोष जताने के साथ ही अफसोस जताया। देश के प्रमुख केंद्रीय कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने आज नेशनल फेडरेशन आफ पोस्टल इंप्लाईज (एनएफपीइ) की ओर से साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में नयी पेंशन योजना पर आयोजित सेमीनार में कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष को और तेज किया जाएगा।
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भाजपा सरकारों को निशाने पर लेते हुए वक्ताओं ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना खत्म कर नयी योजना लाकर केंद्र व प्रदेश की सरकारों ने सरकारी कर्मचारियों को मिला सामाजिक सुरक्षा कवच खत्म कर दिया है। दशकों की राजकीय सेवा करने के बाद सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को नयी पेंशन योजना के तहत सम्मानजनक जीवन बिताने का जरिया भी छीन लिया गया है। वहीं वक्ताओं ने दूसरे राजनीतिक दलों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि हैरत की बात है कि कर्मचारियों के साथ हुए इस अन्याय पर देश के सभी प्रमुख राजनैतिक दल खामोश हैं। नयी पेंशन योजना के विरोध में देश भर के कर्मचारी आंदोलनरत हैं पर बेवजह के मुद्दों और जातीय व धार्मिक उन्माद में डूबे राजनैतिक दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर ध्यान तक नहीं दे रहे हैं।
जो पुरानी पेंशन योजना की बात करेगा वही देश पर राज करेगा: गिरिराज
सेमिनार में एनएफपीई के अध्यक्ष गिरिराज सिंह ने कहा कि यह साफ है कि जो पुरानी पेंशन योजना की बात करेगा वही देश पर राज करेगा। योगी सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए गिरिराज ने कहा कि इस राज में साधुओं को पेंशन दी जा रही पर कर्मचारियों को नहीं ये कहा का न्याय है। पेंशन और जॉब सिक्योरिटी ही सरकारी सेवा का सबसे बड़ा चार्म था, जिसे खत्म किया जा रहा है।
मजदूर आंदोलन ही भाजपा को हराएगा: मोहंती
एनएफपीई के ही डीबी मोहंती ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि यही भाजपा ही नयी पेंशन योजना लायी थी और अटल जी के कार्यकाल में पुरानी पेंशन खत्म की गयी थी। उन्होंने कहा कि मजदूर आंदोलन ही भाजपा को हराएगा।
54 हजार कर्मचारियों पर लटक रही तलवार: टीपी मिश्रा
एनएफपीई यूपी के सलाहकार टीपी मिश्रा ने कहा कि आज जब लैटिन अमेरिकी देशों में पुरानी पेंशन बहाली की जा रही तो हमारी सरकार उसे खत्म कर रही है। बीएसएनएल की बदहाली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 54 हजार कर्मचारियों पर तलवार लटक रही है। उन्होंने कहा कि चुनावों में रोजगार, शिक्षा, पेंशन पर बात न होकर युद्ध, पाकिस्तान और गाय पर बात हो रही है। टीपी मिश्रा ने आगे कहा कि पुरानी पेंशन बहाली उनकी सबसे प्रमुख मांग है और इस चुनाव में उनकी मांग पर ध्यान न देने वालों को जवाब दिया जाएगा।
भाजपा सरकार बनते ही खत्म कर दी गयी पुरानी पेंशन: प्रेमनाथ
वहीं सीटू के उत्तर प्रदेश महासचिव प्रेमनाथ राय ने कहा कि 1995 में एनपीएस की बात शुरु हुयी थी, जिसे 2004 में साकार कर दिया गया। हम लोगों ने केरल, त्रिपुरा और बंगाल में इसका विरोध किया। त्रिपुरा में 2018 में भाजपा सरकार बनते ही पुरानी पेंशन खत्म कर दी गयी।
कर्मचारियों का भविष्य नही है सुरक्षित: शिवबरन
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महासचिव शिवबरन सिंह यादव ने कहा कि ट्रेंड यूनियन आंदोलन को मजबूत करना होगा। पुरानी पेंशन योजना के बिना कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित नही है।
सेवानिवृत्त होने के बाद भी जारी रहेगी सक्रियता: वीरेंद्र
कामरेड वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी उनकी सक्रियता जारी रहेगी और पहले से भी ज्यादा ताकत से कर्मचारी हितों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। अब वो दूने जोश व ताकत के साथ पोस्टल कर्मियों व अन्य सभी कर्मचारियों के लिए काम करते हुए नयी पेंशन योजना के खिलाफ लड़ाई को धार देंगे। उन्होंने आगे कहा कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए केंद्र व राज्य के सभी कर्मचारी साझा संघर्ष कर रहे हैं और जल्दी ही इसके लिए एक जंग की शुरुआत की जाएगी। क्योंकि बाजार के दबाव में सरकारें कर्मचारियों के हितों पर लगातार कुल्हाड़ी चलाती जा रही है जिसे बर्दाश्त नही किया जाएगा।
वीरेंद्र तिवारी को किया गया सम्मानित
इस दौरान पोस्टल विभाग में दशकों लंबी सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी नेता और एआइपीएसबीसीओईए के महासचिव कामरेड वीरेंद्र तिवारी को आयकर विभाग, रेल डाक सेवा, भारतीय रेलवे, पोस्टल सर्विसेज, बीएसएनएल, जीएसआइ, दूरदर्शन सहित तमाम केंद्रीय विभागों के कर्मचारी नेताओं की ओर से सम्मानित भी किया गया।
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सम्मनित करने वाले कर्मचारी नेताओं में रामनिवास पराशर, गिरिराज सिंह, डीबी मोहंती, जे.पी सिंह, एसबी यादव समेत अन्य शामिल थे। साथ ही इस मौके पर नेशनल फेडरेशन आफ पोस्टल इंप्लाईज, लखनऊ की ओर से एक काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।