तीन सौ करोड़ के घोटाले के मामले में पूर्व सहायक आवास आयुक्‍त घर से गिरफ्तार, NRHM घोटाले में भी फंस चुका है वीके चौधरी

वीके चौधरी
पुलिस की गिरफ्त में वीके चौधरी।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। राजधानी लखनऊ की पॉश कालोनी गोमतीनगर के विनीत खण्‍ड में शुक्रवार को उस समय हड़कंप मच गया जब मेरठ पुलिस ने गोमतीनगर पुलिस के सहयोग से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचआरएम) घोटाले के अभियुक्‍त व रिटायर पीसीएस अधिकारी (पूर्व सहायक आवास आयुक्‍त) वीके चौधरी के घर पर छापेमारी की।

मामूली बातचीत के बाद पुलिस ने करीब तीन सौ करोड़ की जमीन घोटाले के मामले में वीके चौधरी को धर दबोचा। गिरफ्तारी के बाद टीम वीके चौधरी को लेकर गोमतीनगर कोतवाली पहुंची जहां, लिखा-पढ़ी हो जाने पर पुलिस पूर्व सहायक आवास आयुक्‍त को लेकर मेरठ के लिए रवाना हो गयी। मेरठ जिले के दौराला कोतवाली के इंस्‍पेक्‍टर इंद्रपाल सिंह के नेतृत्‍व में पुलिस की टीम ने ये कार्रवाई की है।

वीके चौधरी

बताया जा रहा है कि साल 2004 में वीके चौधरी ने उप आवास आयुक्‍त व उप निबंधक के पद पर रहते हुए इंद्रप्रस्थ स्टेट सहकारी आवास समिति लिमिटेड की 52 एकड़ भूमि भू-माफियाओं से सांठ-गांठ कर फर्जी तरीके से बेच दी थी। इसके पीछे 250 से 300 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया था। मामले में भू-माफियाओं के अलावा तत्कालीन सहकारी अधिकारी आवास, मेरठ राज कुमार पर भी संलिप्तता का आरोप लगा है।

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मेरठ के ही रहने वाले बिजेंद्र चौहान ने 2007 में उक्‍त जमीन में से एक प्‍लॉट खरीदा था। घोटाले की भनक लगने पर बिजेंद्र ने दिसंबर 2015 में कोर्ट के आदेश पर मेरठ के पल्‍लवपुरम थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में ये केस  पल्‍लवपुरम कोतवाली को ट्रांसफर कर दिया गया।

प्रभात कुमार ने कराई थी जांच, उसमें भी पाया गया दोषी

2015 में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस द्वारा संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने पर थक हारकर बिजेंद्र चौहान ने पिछले साल मार्च में मेरठ मंडल के तत्‍कालीन कमिश्‍नर (वर्तमान में एपीसी) डॉ. प्रभात कुमार से इस पूरे मामले की शिकायत की थी। अपनी ईमानदारी और भ्रष्‍टाचारियों के काल के रूप में पहचाने जाने वाले प्रभात कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच मेरठ विकास प्राधिकरण के सचिव को सौंपी थी। गहनता से जांच के बाद वीके चौधरी समेत अन्‍य लोगों की इस मामले में संलिप्‍ता पाई गयी थी।

मीडिया से बचता रहा वीके चौधरी

वहीं गिरफ्तारी के काफी देर बाद तक आरोपित वीके चौधरी अपना पक्ष रखने की जगह मीडिया के सवालों से बचता रहा। पत्रकारों के काफी पूछने पर अंत में उसने सिर्फ इतना ही कहा कि पुलिस पुराने मामले में बयान लेने के लिए ले जा रही है।

दूसरी ओर एसपी नार्थ अनूप कुमार सिंह ने बताया कि वीके चौधरी के खिलाफ एनबीडब्‍लू जारी हुआ था। इसी संबंध में मेरठ पुलिस आरोपित को अपने साथ ले गयी है।

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