आरयू वेब टीम।
केंद्र सरकार ने राफेल विमान खरीद की प्रक्रिया के दस्तावेज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सौप दिए हैं। सरकार ने कोर्ट के निर्देश के अनुसार खरीद प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाले याचिकाकर्ताओं को भी संबंधित दस्तावेज सरकार ने दे दिए।
कोर्ट में दस्तावेज सौंपते हुए सरकार ने कहा है कि राफेल विमानों की खरीद 2013 की रक्षा खरीद प्रक्रिया के आधार पर की गई है। साथ ही दस्तावेजों में कहा गया है कि विमान के लिए रक्षा खरीद परिषद की मंजूरी ली गई थी तथा भारतीय टीम ने फ्रांसीसी पक्ष के साथ बातचीत भी की।
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सौदा नियमों के मुताबिक हुआ। इसके लिए 74 बैठकें हुई थीं। फ्रांसीसी पक्ष के साथ बातचीत तकरीबन एक साल तक चली और समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से मंजूरी ली गई। वहीं इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने राफेल डील के निर्णय प्रक्रिया का पूरा विवरण प्रस्तुत किया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की बेंच ने केंद्र से निर्णय लेने की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी मांगी थी।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि वह डिफेंस फोर्सेज के लिए राफेल विमानों की उपयुक्तता पर कोई राय नहीं देना चाहते और न ही कोई नोटिस जारी कर रहे हैं। कोर्ट केवल फैसला लेने की प्रक्रिया की वैधता जानना चाहता है।
गौरतलब है कि राफेल डील पर मोदी सरकार पर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने घोटाले का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उस सौदे में मुकेश अंबानी को फायदा पहुंचाया गया है और ज्यादा कीमत में विमान खरीदे गए हैं इससे देश के खजाने को नुकसान पहुंचा है।