आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भागीदार वाले बयान पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलटवार किया है। पीएम ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में अपने अंदाज में कहा कि वह इस इल्जाम को ‘इनाम‘ मानते हैं और उन्हें देश के गरीबों के दुख का भागीदार होने पर गर्व है।
पीएम लखनऊ में स्मार्ट सिटी, अमृत तथा प्रधानमंत्री आवास योजनाओं की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में गांधी द्वारा पिछले दिनों संसद में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान लगाये गए ‘भागीदार‘ सबंधी आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि ‘इन दिनों मुझ पर एक इल्जाम लगाया गया है कि मैं चौकीदार नहीं, भागीदार हूं…. लेकिन देशवासियों मैं इस इल्जाम को इनाम मानता हूं।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे गर्व है कि मैं भागीदार हूं। मैं देश के गरीबों के दुखों का भागीदार हूं। मेहनतकश मजदूरों के दुखों और हर दुखियारी मां की तकलीफों का भागीदार हूं। मैं उस हर मां के दर्द का भागीदार हूं जो लकड़ियां बीनकर घर का चूल्हा जलाती थी। मैं उस किसान के दर्द का भागीदार हूं जिसकी फसल सूखे या पानी में बर्बाद हो जाती है। मैं भागीदार हूं, उन जवानों के जुनून का, जो हड्डी गलाने वाली सर्दी और झुलसाने वाली गर्मी में देश की रक्षा करते हैं।’
प्रधानमंत्री इतने पर ही नहीं रूके उन्होंने सधे हुए अंदाज में आगे कहा कि वह गरीबों के सिर पर छत दिलाने, बच्चों को शिक्षा दिलाने, युवाओं को रोजगार दिलाने, हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई यात्रा कराने की हर कोशिश के भागीदार हैं।
वहीं राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए नरेंद्र मोदीने कहा कि गरीबी की मार ने मुझे जीना सिखाया है। गरीबी का दर्द मैंने करीब से देखा है। मगर जिसके पांव फटे ना बिवाई, वह क्या जाने पीर पराई।
मोदी ने विरोधियों पर हमला बोलते हुए कहा कि इससे पहले, मुझ पर यह भी इल्जाम लगाया गया कि चाय वाला देश का प्रधान सेवक कैसे हो सकता है। यह निर्णय वे लोग नहीं ले सकते, बल्कि देश की सवा सौ करोड़ जनता लेती है। शहरों की समस्याओं में उसी सोच की बू आ रही है। स्मार्ट सिटी के लिये हमारे पास प्ररेणा और पुरुषार्थ करने वाले लोग भी थे, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति और सम्पूर्णता की सोच के अभाव ने बड़ा नुकसान किया।
वहीं लंबे समय तक देश चलाने वाली कांग्रेस पर वार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद जब राष्ट्र निर्माण की बारी थी, तब आबादी का इतना दबाव भी नहीं था। अगर उसी वक्त योजना बनाकर काम किया होता तो वैसी दिक्कतें नहीं होती जैसी आज हैं। आबादी को बेतरतीब फैलने दिया गया। कंक्रीट का जंगल बनने दिया। आज इसका परिणाम पूरा देश भुगत रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आबादी का वह हिस्सा जिसकी जीडीपी में 65 प्रतिशत हिस्सेदारी है, अगर वह अव्यवस्थित रहे तो उससे होने वाली कठिनाइयों का अंदाजा हम लगा सकते हैं। ये समस्याएं 21वीं सदी के भारत को परिभाषित नहीं कर सकतीं। इसके लिये देश के 100 शहरों को चुना गया। दो लाख करोड़ के निवेश से इन्हें विकसित किया जाएगा। विकास भी ऐसा कि जहां शरीर नया हो, मगर आत्मा वही हो।
3897 करोड़ रुपये की 99 परियोजनाओं की सौगात देकर बोले ‘फाइव ई’ पर आधारित हो सिस्टम
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश को 3897 करोड़ रुपये की 99 परियोजनाओं की सौगात देने के साथ ही कहा कि हमारी प्रतिबद्घता है कि जनता के लिए एक ऐसे सिस्टम का निर्माण हो जो कि ‘फाइव ई’ पर आधारित हो। जिसका मतलब ईज ऑफ लिविंग, एजूकेशन, इम्प्लॉयमेंट, इकॉनामी और इंटरटेनमेंट हैं।
लखनऊ का विकास, अटल जी के विजन का परिणाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लखनऊ का विकास अटल जी के विजय का परिणाम है। लखनऊ अटल जी की कर्मभूमि रही है।
राज्यपाल, सीएम व गृहमंत्री ने किया स्वागत
वहीं आज राजधानी पहुंचने पर राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या समेत भाजपा के अन्य दिग्गजों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एयरपोर्ट पर स्वागत किया।