राहुल ने कहा, मनमोहन सरकार ने तीन बार की सर्जिकल स्‍ट्राइक, लेकिन मोदी सरकार की तरह नहीं उठाया राजनीतिक लाभ

सर्जिकल स्ट्राइक
कार्यक्रम को संबोधित करते राहुल गांधी।

आरयू वेब टीम। 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने आज कहा है  कि मनमोहन सरकार के समय में भी तीन बार सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी, लेकिन कांग्रेस ने इसका राजनीतिक फायदा नहीं उठाया।

शुक्रवार को राजस्थान के उदयपुर में युवाओं और कारोबारियों से बातचीत के दौरान कांग्रेस अध्‍यक्ष ने कहा कि जब आर्मी ने मनमोहन सिंह से कहा कि हमें पाकिस्तान के खिलाफ बदले की कार्रवाई करनी है और इसे सीक्रेट रखना है। तब मनमोहन सिंह ने आर्मी की बात मानी और सर्जिकल स्ट्राइक हुई।

प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार पर आर्मी को भी राजनीतिक फायदे के लिए इस्‍तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ने कहा कि तत्‍कालीन पीएम मनमोहन सिंह के पास आर्मी आई थी, लेकिन नरेंद्र मोदी खुद आर्मी के पास गए और सर्जिकल स्ट्राइक को रचा और इसे राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया, जबकि यह आर्मी का फैसला था।

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राहुल गांधी ने आज ये भी कहा कि सेना नहीं चाहती थी कि सर्जिकल स्ट्राइक का किसी को पता चले, लेकिन मोदी यह नहीं चाहते थे। वह उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ रहे थे और हार रहे थे। उन्होंने इसका राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया।

मोदी सरकार ने तीन लाख 50 हजार करोड़ रुपये कर्ज किया माफ 

राहुल ने मोदी सरकार के बड़े फैसलों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आज देश के बैंकिंग सिस्टम में 12 लाख करोड़ का एनपीए है। पिछले तीन-चार साल में मोदी सरकार ने तीन लाख 50 हजार करोड़ रुपये कर्ज माफ किया है। ये जो कर्ज हैं वो देश के मात्र 15 से 20 लोगों के हैं। अनिल अंबानी पर 45 हजार करोड़ का कर्ज है।

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कांग्रेस अध्‍यक्ष ने केंद्र सरकार के फैसलों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि एक साल के लिए मनरेगा योजना में 35 हजार करोड़ रुपये लगते हैं। नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे लोग लाखों करोड़ रुपये लेकर देश से भाग गए। उन्होंने कहा कि ये लोग तो पैसे लेकर चले गए।

…उद्योगपतियों को अंदर घुसने का रास्ता मिले

इसके अलावा रही सही कसर गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी) और नोटबंदी ने पूरी कर दी। इन दोनों से देश के असंगठित क्षेत्र की कमर टूट गई। असंगठित क्षेत्र में काफी लोगों को रोजगार मिलता है। उन्होंने कहा कि इनफॉर्मल सेक्टर को नोटबंदी और जीएसटी से सरकार ने इसलिए तोड़ा, क्योंकि इसमें देश के चंद उद्योगपतियों को अंदर घुसने का रास्ता मिले।

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