आरयू ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संस्थापक, यूपी के पूर्व सीएम व ‘धरतीपुत्र’ की उपाधि से नवाजे गए मुलायम सिंह यादव मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हो गए। सैफई में उनके बेटे व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने आज शाम करीब चार बजे मंत्रोच्चार के बीच मुखाग्नि दी। मुलायम सिंह यादव की अंतिम यात्रा में आज जनसैलाब उमड़ा।
करीब डेढ़ लाख लोगों की भीड़ में उत्तर प्रदेश समेत देश की राजनीति की कई जानी-मानी हस्तियां भी मौजूद रहीं। हालांकि गुजरात की चुनावी जनसभा में फंसे होने के चलते तमाम अटकलों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतिम संस्कार में सैफई नहीं पहुंच सकें। वहीं सैफई में हुए अंतिम संस्कार के दौरान कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें विदाई दी।
मुलायम सिंह ने जिस मिट्टी में खेलकूद कर सियासी ऊंचाई हासिल की, उसी जमीं पर जब उनकी चिता में अग्नि समर्पित की गई तो विभिन्न स्थानों से आए लोगों की आंखें नम हो गईं।
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का शव मंगलवार सुबह सैफई स्थित आवास से गगनभेदी नारों केसाथ करीब पांच सौ मीटर दूर स्थित सैफई पांडाल ले जाया गया। इस दौरान शव वाहन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, दूसरे बेटे प्रतीका यादव, प्रो रामगोपाल यादव, शिवपाल सिंह यादव सहित पूरा परिवार साथ रहा। घर से लेकर पांडाल तक जाते वक्त मुलायम सिंह की शान में कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए पुष्पवर्षा करते रहे।
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सैफई पांडाल में राजकीय सम्मान के साथ उन्हें तिरंगा ओढाया गया। विधायकों व अन्य नेताओं ने पुष्पांजलि दी। इस दौरान हर किसी की आंखें नम हो जा रही थीं। लोग उनकी एक झलक पाने को बेताब नजर आए।
विभिन्न दलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी और अखिलेश यादव, प्रतीक सिंह यादव व शिवपाल सिंह यादव समेत परिवार के अन्य सदस्यों को ढांढस बंधाया। दोपहर बाद करीब तीन बजे ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन कराया। अखिलेश यादव ने जनेऊ धारण किए और पिण्डदान किया। जल आचमन के वक्त डिंपल यादव भी मंच पर पहुंचीं।
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कुछ देर बाद यहां से उनकी पार्थिव शरीर रामलीला ग्राउंड पर ले जाया गया। जहां अपरान्ह 3.57 बजे अखिलेश यादव ने मुखाग्नि दी। जैसे ही मुलायम सिंह यादव की चिता को अग्नि समर्पित की गई कार्यकर्ता मुलायम सिंह अमर रहे, धरतीपुत्र अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा, मुलायम तेरा नाम रहेगा जैसे गगनभेदी नारे लगाने लगे।
वहीं परिसर में मौजूद महिलाएं दहाड़ मारकर रोने लगी, तो कार्यकर्ता एक-दूसरे को दिलासा देते हुए खुद को संभालते दिखी। मुलायम सिंह की जब तक चिता जलती रही तब तक कोई हाथ जोड़े खड़ा रहा तो कोई उनकी चिता को एकटक निहारता रहा।
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सैफई पांडाल में अंतिम संस्कार के वक्त श्रद्धांजलि देने वालों में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक व केशव प्रसाद मौर्य, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार व उनकी बेटी सुप्रिया सुले, पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रफुल्ल पटेल, कारोबारी अनिल अंबानी, तेलगूदेशम पार्टी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खडगे, प्रमोद तिवारी, वरुण गांधी, जयंत चौधरी, जया बच्चन, अभिषेक बच्चन, बाबा रामदेव, राकेश टिकैत, सुब्रत राय सहारा समेत तमाम अन्य बड़ी हस्तियां भी मौजूद रहीं।