आरयू वेब टीम। कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार फिर रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट व ब्याज दर में कटौती की है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कोरोना वायरस के मद्देनजर कर्ज अदायगी के लिए ऋण स्थगन को तीन महीनों के लिए बढ़ा दिया है। आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने जानकारी देते हुए कहा कि फिलहाल जिन लोगों ने लोन लिया हुआ है उनके लिए राहत की खबर आई है। लोन की ईएमआइ चुकाने की मोहलत को तीन महीने बढ़ा दिया गया है।
वहीं आरबीआई गवर्नर ने शुक्रवार को मीडिया को संबोधित कर अनुमान जताते हुए कहा कि 2020-21 में ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) नेगेटिव में जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘2020-21 में जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव रहने का अनुमान है। मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है। दालों की कीमत में उछाल चिंता का विषय है। जबकि कृषि उत्पादन से सबको लाभ मिलेगा।
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गर्वनर के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले टॉप छह राज्यों पर महामारी का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। वहीं बिजली और ईंधन की मांग में भी तेज गिरावट देखने को मिली है। रिजर्व बैंक के गर्वनर के मुताबिक फिलहाल सबसे बड़ी चिंता ये है कि देश में उत्पादन और मांग दोनो में ही गिरावट का रुख बना हुआ है। निजी खपत पर सबसे बड़ा झटका देखने को मिला है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का उत्पादन में 33 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। मर्चेन्डाइज एक्सपोर्ट 30 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
साथ ही रिजर्व बैंक ने दुनिया भर में होने वाले कारोबार के वॉल्यूम में इस साल के दौरान 13 से 32 फीसदी तक गिरावट का अनुमान लगाया है। रिजर्व बैंक के मुताबिक दुनिया भर में जारी मंदी का भारत पर सीधा असर पड़ेगा। जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था मे गिरावट दर्ज होगी।
गर्वनर के मुताबिक मौजूदा हालातों को देखते हुए महंगाई दर को लेकर अनिश्चितता काफी बढ़ गई है। अप्रैल के महीने से शुरू हुआ सप्लाई पर दबाव आगे कई महीनों तक बना रह सकता है, जिससे महंगाई दर पर भी असर संभव है। उम्मीद है कि वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से महंगाई दर पर दबाव कम होगा।