बोले अखिलेश, “पहले की तरह जनता करेगी लॉकडाउन का पालन, सरकार भी निभाएं जिम्‍मेदारी किसी को खाने व इलाज की न हो परेशानी”

जान की कोई कीमत

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन की अवधि को तीन मई तक बढ़ाए जाने के ऐलान के बाद सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने भरोसा जताया है कि जनता पहले की ही तरह लॉकडाउन का निष्‍ठा के साथ पालन करेगी। साथ ही उन्‍होंने केंद्र व राज्‍य सरकारों से मांग करते हुए कहा कि सरकारें भी अपनी जिम्‍मेदारी निभाएं जिससे कि किसी को भी खाने व इलाज के लिए परेशानी न उठानी पड़े।

मंगलवार को अपने बयान में यूपी के पूर्व सीएम ने मीडिया से कहा कि  प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की तमाम अपीलों और निर्देशों के बावजूद कुछ संस्थान अपने कर्मचारियों और श्रमिकों की सेवाएं समाप्त कर रहे है और राजधानी लखनऊ में ही संविदाकर्मियों के वेतन से कटौती की गई है। यह अमानवीय है। कोरोना के कहर का मुकाबला करने की संयुक्‍त जिम्मेदारी का यह समय है।

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अखिलेश ने आगे कहा कि बाराबंकी में गुजरात से लौटे एक बुजुर्ग को 21 दिनों से घर में क्वारेंटाइन में रखा गया। किसी ने उसकी सुधि नहीं ली,  जिसके चलते बुजुर्ग की तड़प-तड़पकर मौत हो गयी। यह हृदय विदारक घटना है। सरकार पर हमला जारी रखते हुए अखिलेश ने कहा कि लॉकडाउन में भाजपा सरकार के फेल सिस्टम से एक और निर्दोष की जान चली गई जो सरकारी दावों की पोल भी खोल गई है।

वहीं किसानों की बात करते हुए आज सपा सुप्रीमो ने कहा कि बेमौसम बरसात से पहले ही नुकसान झेल रहे किसानों को लॉकडाउन ने पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। बांदा जनपद में कटाई मजदूरी न मिलने से 52 वर्षीय किसान रामभवन ने फसल की बर्बादी से मायूस होकर आत्महत्या तक कर ली। तमाम जनपदों में कटाई के लिए फसल खड़ी है, किसान कटाई मजदूरों के लिए दौड़ लगा रहा है। सरकार को इसकी चिंता करनी चाहिए।

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अखिलेश ने यह भी कहा है कि तीन मई तक सपा द्वारा राहत कार्य जारी रहेंगे। कार्यकर्ताओं की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि उनके गांव मोहल्लों में कोई भूखा-प्यासा नहीं रहना चाहिए। गरीब, बेरोजगार तथा किसी भी तरह की दिक्कत में फंसे लोगों के लिए मदद करने में वे अपनी भूमिका के निर्वहन से पीछे नहीं हटेंगे। लोकतंत्र में जहां सरकार अपना काम करती है, वहीं मुख्य विपक्षी दल के नाते समाजवादी पार्टी का सेवा धर्म भी है।

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