आरयू ब्यूरो
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज एक बार फिर आरक्षण का पक्ष लेते हुए भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस को सावधान किया है। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्गों आदि को मिलने वाले लगभग 50 प्रतिशत आरक्षण में किसी प्रकार की कटौती या छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
रविवार को आरक्षण को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर मायावती ने कहा कि बीजेपी के साथ ही आरएसएस को अपनी आरक्षण विरोधी मानसिकता बदलनी होगी। यह लोग बार-बार आरक्षण को खत्म करने का षडयंत्र रचते रहते है।
अपरकास्ट व अल्पसंख्यकों को आर्थिक आधार पर मिले आरक्षण
राज्यसभा सांसद ने एक बयान में कहा कि इसके साथ ही अपरकास्ट व अल्पसंख्यक समाज के ग़रीबों को भी आर्थिक आधार पर अलग से आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसके लिए वह कई बार संविधान में संशोधन करने की मांग भी केन्द्र सरकार से कर चुकी है।
मायावती ने कहा कि शैक्षणिक, सामाजिक व आर्थिक पिछडे़पन के आधार पर दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़ों को आरक्षण दिये जाने की व्यवस्था संविधान के तहत लागू है।
इसके साथ ही विशेषकर कांग्रेस व बीजेपी की सरकारों की गलत नीतियों और नीयत के कारण सर्व समाज के गरीबों व अल्पसंख्यक लोगों में दूसरे की तुलना में गरीबी काफी बढ़ी है, इसलिए उन्हें गरीबी के आधार पर आरक्षण की अलग से व्यवस्था किये जाने की भी जरूरत है।