आरयू वेब टीम। राजस्थान हाई कोर्ट ने गुरुवार को रॉबर्ट वाड्रा के बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद फरोख्त मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अपना फैसला सुना दिया है। रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा तथा बिचौलिए महेश नागर से जुड़ी याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट का फैसला आया है। कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा, मौरीन वाड्रा को ईडी की गिरफ्त में लेकर पूछताछ करने और कोर्ट की ओर से इनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाने की मांग को लेकर दायर अर्जी खारिज कर दी है।
इसके साथ ही रॉबर्ट वाड्रा और मां मौरीन वाड्रा की मुसीबतें बढ़ गई हैं। हाई कोर्ट ने महेश नागर और अन्य की याचिका खारिज करने के अलावा फिलहाल दो हफ्ते गिरफ्तारी पर रोक जारी रखने का आदेश देते हुए फौरी राहत भी दी है। इस दौरान परिवादी फिर से अपील भी कर सकते हैं। जोधपुर हाई कोर्ट जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्रसिंह भाटी की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया है जहां इस याचिका पर ईडी और वाड्रा के वकीलों के बीच दलीलें बुधवार को पूरी हो गई थी और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
दरअसल बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद-फरोख्त के मामले को लेकर रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा पर चल रहे मामले में कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की थी। कोर्ट में दोनों पक्षों को सुना गया था, जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला गुरुवार तक सुरक्षित रख लिया था। मालूम हो कि इस मामले में वाड्रा समेत सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगा रखी थी।
मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय ने बीकानेर भूमि घोटाले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ एक मामला दर्ज कर रखा है जिसकी जांच बीकानेर के सीमावर्ती जिले के कोलायत क्षेत्र में कंपनी द्वारा 275 बीघा जमीन की खरीद से जुड़ी है। वहीं केंद्रीय जांच एजेंसी ने 2016 में स्थानीय तहसीलदार द्वारा शिकायत दर्ज करवाने के बाद राज्य पुलिस द्वारा दर्ज एफआइआर को आधार बनाकर वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक आपराधिक मुकदमा दर्ज किया था।
यह भी पढ़ें- मनी लॉन्ड्रिंग केस में अब नवाब मलिक के बेटे पर शिकंजा, ED ने भेजा नोटिस
वहीं वाड्रा का यह मामला करीब पांच सालों से राजस्थान हाईकोर्ट में चल रहा है जिस पर अभी तक 80 से अधिक बार सुनवाई हो चुकी है। इससे पहले कोर्ट की एकलपीठ के सामने स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के अलावा महेश नागर ने प्रवर्तन निदेशालय की जांच को चुनौती दी थी। वहीं राबर्ट वाड्रा की ओर से राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका पेश की गई थी जिस पर 19 दिसंबर, 2018 को गिरफ्तारी पर रोक लगाने के आदेश जारी हुए थे।