सामाजिक विषमताओं को दूर करना है तो समान पाठ्यक्रम का होना आवश्‍यक: मुख्‍यमंत्री

कोई नहीं होगा गिरफ्तार
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। सामाजिक विषमता को यदि दूर करना है तो एक समान पाठ्यक्रम होना आवश्यक है। शिक्षा के क्षेत्र में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। सभी को समान अवसर मिलना चाहिए। समान पाठ्यक्रम लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए ही प्रदेश में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया गया है।

उक्‍त बातें बुधवार से राजधानी लखनऊ में शुरू हुए इस दो दिवसीय कानक्लेव का उद्घाटन कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। डॉ. राम मनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी के सभागार में आयोजित इस कानक्लेव को संबोधित करते हुए मुख्‍यमंत्री ने कहा पिछले तीन वर्षों में हमारी सरकार ने जो भी बेसिक शिक्षा के लिए किया है उसका निचोड़ इस सेमिनार के माध्यम से सामने आ रहा है।

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इतना ही नहीं प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े एक लाख 58 हजार विद्यालयों के बुनियादी विकास की दृष्टि से आपरेशन कायाकल्प योजना को शुरू की गई थी। आपरेशन कायाकल्प योजना के तहत पिछले तीन वर्ष के दौरान सरकार अब तक 92 हजार विद्यालयों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा चुके हैं, जिनका बहुत पहले ध्यान दिया जाना चाहिए था।

वहीं कानक्लेव संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि यूपी में भाजपा की सरकार बनने के शिक्षा प्राथमिकता में आई। सरकार ने विद्यालयों के इंफ्रास्टक्चर और शिक्षकों की कमी को दूर किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक वह श्रेष्ठ है जो अनवरत एक विद्यार्थी की भावना से कार्य करता है। उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों को चमकाने के लिए पहली बार सीएसआर कानक्लेव आयोजित किया जा रहा है।

कार्यक्रम में मुख्‍यमंत्री व डिप्‍टी सीएम के साथ ही बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के अलावा नीति आयोग के सलाहकार आलोक कुमार, गूगल व माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों के आला अधिकारी और काफी संख्या में शिक्षक भी मौजूद हैं।

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