समापन समारोह में बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू, यूपी को उत्तम निवेश प्रदेश बनाने में सहायक सिद्ध होगा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
जीआइएस को संबोधित करतीं द्रौपदी मुर्मू।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का समापन रविवार शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मार्गदर्शन के साथ हुआ। तीन दिवसीय यूपी जीआईएस का शुभारंभ दस फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। समिट के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि समावेशी विकास की सोच के साथ आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिति के सार्थक परिणाम आएंगे। उत्तर प्रदेश को विश्वव्यापी ख्याति मिलेगी। दूरदर्शितापूर्ण नीतियों को लागू कर तथा उसके कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप नए भारत का ग्रोथ इंजन बनने के लिए सक्षम भी है और इसके लिए तैयार भी है। उत्तर प्रदेश समृद्ध होगा तो भारत भी समृद्ध होगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट उत्तर प्रदेश (यूपी) को उत्तम निवेश प्रदेश बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

वृंदावन योजना के वाल्मीकि मेन हाल में उपस्थित देश विदेश के उद्यमियों, निवेशकों, नवाचारियों, नीति निर्माताओं, मंत्रियों, अधिकारियों आदि को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश न केवल आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा प्रदेश है बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। देश की कई योजनाओं में या पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की धरती अन्नदाता की धरती है। खाद्यान्न, गन्ना, आलू आदि व दूध के उत्पादन में यह देश में अग्रणी है।

फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी…

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि आधारित उद्यमिता विकास की अनेक संभावनाएं हैं। प्रसन्नता की बात है कि उत्तर प्रदेश सरकार फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहित कर रही है। खुद को किसान परिवार का सदस्य बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि व कृषि आधारित उद्योगों के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों हेतु वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उनकी टीम की प्रशंसा करती हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता जताई कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र संघ की तरफ से वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और इस दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मिलेट्स की डिमांड और सप्लाई चैन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

प्रक्रियाओं को सरल बनाने के किए गए प्रयास

राष्ट्रपति ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए राजनीतिक स्थिरता व निरंतरता सहायक सिद्ध होती है। उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए प्रदेश सरकार द्वारा जिस प्रकार प्रक्रियाओं को सरल बनाने के प्रयास किए गए हैं वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 95 लाख एमएसएमई हैं, जो देश में सर्वाधिक हैं। एमएसएमई, कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार का अवसर प्रदान करने वाला क्षेत्र है। आर्थिक विकास में एमएसएमई की प्रमुख भूमिका है।

अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन बनाने का लक्ष्य

राष्ट्रपति ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर बनाने के लक्ष्य में उत्तर प्रदेश ने एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान देने का संकल्प लिया है। देश की कुल अर्थव्यवस्था का पांचवा हिस्सा उत्तर प्रदेश से पूरा होगा। इस संकल्प के सिद्ध होने से प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर अभियान को भी काफी बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि 2019 में प्रयागराज कुंभ के शानदार आयोजन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जिस प्रकार पूरे विश्व में प्रशंसा हुई थी, उनकी कामना है कि इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को भी विश्वव्यापी ख्याति मिले।

आर्थिक विकास में मिलेगी काफी सहायता

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर काफी कम हुआ है। सड़क यातायात, हाइवे व एक्सप्रेस में निवेश से आर्थिक विकास में काफी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता है कि देश मे 65 प्रतिशत मोबाइल उपकरण अकेले उत्तर प्रदेश में बनते हैं। यही नहीं परंपरागत उद्यम को बढ़ावा देने वाली उत्तर प्रदेश की एक जिला एक उत्पाद योजना (ओडीओपी) भी काफी सफल है। परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देने से स्थानीय स्तर पर आर्थिक उन्नयन तो होता ही है, निवेशकों को भी काफी अवसर मिलता है।

डिफेंस कॉरिडोर का भी हो रहा निर्माण

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर का भी निर्माण हो रहा है। यह डिफेंस कॉरिडोर देश की रक्षा आत्मनिर्भरता को सफलता प्रदान करने के साथ ही उद्यम, रोजगार और विकास को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने प्रदेश सरकार की इस बात के लिए भी प्रशंसा की कि यहां विकास के साथ पर्यावरण संतुलन के भी अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। इस सिलसिले में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर भी विकसित कर रहा है। उत्तर प्रदेश के यह प्रयास देश के ग्रीन एनर्जी लक्ष्य को प्राप्त करने में काफी सहायक सिद्ध होंगे।

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