स्वामी प्रसाद मौर्य पर युवकों ने फेंकी काली स्याही, लगाए “जय श्रीराम” के नारे, सपा ने प्रदर्शनकारियों को बताया सत्‍ता समर्थित गुंडे

स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध करते युवा।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ/वाराणसी। रामचरितमानस पर दिए बयान के बाद से विवादों में आए समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध थमता नजर नहीं आ रहा। इसी कड़ी में रविवार को सोनभद्र जाते वक्त रास्ते में स्वामी प्रसाद मौर्य को युवाओं के विरोध का सामना करना पड़ा। दरअसल जब वे वाराणासी से सोनभद्र जा रहे थे, तो रास्ते में स्वामी प्रसाद के स्वागत का नाटक करते हुए कुछ युवक फूल-माला लेकर खड़े थे। उन्हें देखकर जब स्वामी प्रसाद मौर्य का काफिला रुका तो माला पहनाने की जगह युवकों ने उन पर स्याही फेंका दी। वहीं युवकों ने स्याही के साथ काले झंडे  दिखाए और जय श्री राम व हर-हर महादेव के जमकर नारे भी लगाएं। वहीं सपा ने इन युवकों को भाजपा के गुंडे बताते हुए कार्रवाई की मांग की है।

ये घटना उस वक्त सामने आई, जब सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य नगवा ब्लॉक के मऊ महोत्सव में में शामिल होने के लिए जा रहे थे। इस दौरान जब वो टेंगरा मौड़ के पास पहुंचे तो युवकों ने उनके साथ ये हरकत की। इस दौरान पुलिस और विरोध करने वाले युवकों के बीच झड़प भी हुई, हालांकि अब तक मिली जानकारी के मुताबिक इस घटना में किसी को चोट नहीं आई है।

युवकों के विरोध के बाद सपा ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए योगी सरकार को घेरा है। सपा ने कहा है कि वाराणसी से सोनभद्र के रास्ते पर सत्‍ता समर्थित गुंडों द्वारा सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की गाड़ी पर स्याही फेंकने की घटना बेहद निंदनीय। भाजपा सरकार में निरंतर बढ़ रहा दलित,पिछड़ों पर अत्याचार,शर्मनाक है। सरकार आरोपितों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई करे।

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गौरतलब है कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले दिनों रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को दलित और महिला विरोधी करार दिया था। इसके साथ ही उन्होंने इस चौपाई को रामचरितमानस से निकालने की या संशोधित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि ये कैसा धर्म है जो अपने ही धर्म के लोगों को गलत समझता है।

साथ ही उन्होंने कहा कि अपमान क्या होता है, इसको अपमान सहने वाले ही महसूस कर पाते हैं। उनके इस बयान के बाद से ही हिंदूवादी संगठन उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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