आरयू वेब टीम। लौहपुरुष सरदार पटेल की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचकर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय एकता दिवस परेड की सलामी भी ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर कार्यक्रम में मौजूद लोगों को एकता की शपथ दिलाई।
साथ ही प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि मैं ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ पर सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इस बार का राष्ट्रीय एकता दिवस अद्भुत संयोग लेकर आया है। एक तरफ आज हम एकता का उत्सव मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दीपावली का पावन पर्व है। अब तो दीपावली का पर्व भारत को दुनिया से भी जोड़ रहा है और अनेक देश इसे राष्ट्रीय उत्सव की तरह मना रहे हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आज से सरदार पटेल का 150वां जन्मजयंती वर्ष शुरू हो रहा है। आने वाले दो वर्षों तक देश, सरदार पटेल की 150वीं जन्मजयंती का उत्सव मनाएगा। ये भारत के प्रति उनके असाधारण योगदान के प्रति नमन है। जब देश को आजादी मिली तो दुनिया में कई लोग थे, जो भारत के बिखरने का आकलन कर रहे थे, उन्हें जरा भी उम्मीद नहीं थी कि सैकड़ों रियासतों को जोड़कर एक भारत का निर्माण हो पाएगा, लेकिन सरदार साहब ने ये करके दिखाया।’
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘आजादी के सात दशक बाद देश में एक देश और एक संविधान का संकल्प भी पूरा हुआ है। सरदार साहब को मेरी ये सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। 70 साल तक बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान पूरे देश में लागू नहीं हुआ था। संविधान की माला जपने वालों ने संविधान का ऐसा घोर अपमान किया था। कारण था, जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 की दीवार।
अनुच्छेद-370 को हमेशा-हमेशा के लिए जमीन में गाड़ दिया गया है। पहली बार वहां इस विधानसभा चुनाव में बिना भेदभाव के मतदान किया गया। पहली बार वहां के मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान की शपथ ली है। ये दृश्य भारत के संविधान निर्माताओं को अत्यंत संतोष देता होगा और ये संविधान निर्माताओं को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि है।’
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‘भारत के बढ़ते सामर्थ्य से, भारत में बढ़ते एकता के भाव से भारत के भीतर और भारत के बाहर भी कुछ ताकतें, कुछ विकृति मानसिकता परेशान हैं। ऐसे लोग भारत में अस्थिरता, अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ये ताकतें भारत के आर्थिक हितों को चोट पहुंचाने में जुटी हैं। एकता के इस मंत्र को हमें कभी भी कमजोर नहीं पड़ने देना है। हर झूठ का मुकाबला करना है, एकता के मंत्र को जीना है।’
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