आरयू वेब टीम।
मोदी सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए एससी-एसटी एक्ट में संशोधन कर मूल स्वरूप में बहाल करने पर सवर्णों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। जिसका असर देश के अलग-अलग राज्यों में देखने को मिल रहा है। बिहार के कई हिस्सों में लोगों ने आगजनी कर इस पर विरोध जताया। वहीं महाराष्ट्र के ठाणे में भी सवर्ण समुदाय के लोग इसका विरोध करने सड़क पर उतर गए हैं।
उत्तर प्रदेश
भारत बंद को देखते हुए उत्तर प्रदेश में सुरक्षा को मुस्तैद किया गया है। राज्य में कुल 11 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी लखनऊ समेत बिजनौर, इलाहाबाद, आजमगढ़, बरेली जैसे कई शहरों में पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। ताकि किसी भी तरह के हालातों से निपटा जा सके विरोध को देखते हुए प्रशासन ने उत्तर प्रदेश के संभल और मुजफ्फरनगर में धारा 144 भी लागू कर दी है।
बिहार
बिहार के मुजफ्फरपुर में इस एक्ट का विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं और कई जगह सड़क जाम कर दी है। बिहार के दरभंगा और मसूदन में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों को रोका, भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। तो दूसरी ओर नवादा में भारत बंद के दौरान लोगों ने घूम-घूमकर बाजार बंद कराया, यहां पर राजगीर पथ पर लोगों ने आगजानी कर सड़क को जाम कर दिया है।
मध्यप्रदेश
भारत बंद को देखते हुए मध्यप्रदेश के दस जिलों में धारा 144 लागू की गई है। मध्यप्रदेश के भिंड, ग्वालियर, मोरेना, शिवपुरी, अशोक नगर, दतिया, श्योपुर, छत्तरपुर, सागर और नरसिंहपुर में धारा 144 लागू की गई है। इस दौरान यहां पर पेट्रोल पंप, स्कूल, कॉलेज बंद रहें।
राजस्थान
एससी-एसटी एक्ट में संशोधन लाए जाने के विरोध में राजस्थान में अगड़ी जातियों ने सड़क पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन शुरू किया। जयपुर के स्कूल, कॉलेज और मॉल सब बंद नजर आए। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में भी भारत बंद का असर देखने को मिला। इस क्षेत्र में करणी सेना की अगुवाई में प्रदर्शन हो रहा है। राजस्थान में सर्व समाज संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जातियों को आपस में लड़ाना चाहती है, लेकिन हम इसे पूरा नहीं होने देंगे।
बता दें कि इससे पहले एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने दो अप्रैल को ‘भारत बंद’ बुलाया था, तब सबसे ज्यादा हिंसा मध्य प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग में हुई थी। इस वजह से इस बार प्रशासन ‘भारत बंद’ को देखते हुए पूरी तरह सतर्क है।
पिछली हिंसा से सबक लेते हुए प्रशासन ने इस बार कई जिलों में अलर्ट जारी कर भारी पुलिस की तैनाती कर दी है। साथ ही भीड़ से निपटने के लिए आंसू गैस के गोले भी थानों में पहुंचा दिए गए हैं।
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