आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अमेठी में कल पदयात्रा निकालने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रविवार को रायबरेली में ‘‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’’ शक्ति संवाद महिला सशक्तिकरण महाअभियान के तहत अलग-अलग क्षेत्रों मे काम करने वाली महिलाओं और कॉलेज की लड़कियों से बातचीत किया।
रायबेरली में आयोजित शक्ति संवाद कार्यक्रम में कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने ‘थीम सांग’ के साथ महिला घोषणा पत्र जारी किया। ‘शक्ति विधान’ शीर्षक से महिला घोषणा पत्र जारी करते हुए प्रियंका ने महिलाओं के स्वाभिमान, स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा, सेहत व अर्थव्यवस्था से जुड़ी घोषणाएं कीं।
प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस ने सरकार बनने पर 20 लाख नौकरियां देने का वादा किया है, यानी आठ लाख नौकरियां महिलाओं को दी जाएंगी। महिला स्वयं सहायता समूहों को कम ब्याज़ दर पर कर्ज मुहैया कराया जाएगा। 50 फ़ीसदी महिलाओं को नौकरी पर रखने वाले संस्थानों को टैक्स में छूट दी जाएगी। इसके साथ ही महिलाओं को कांग्रेस 40 फ़ीसदी टिकट और रोज़गार में आरक्षण प्रावधानों के तहत 40 फ़ीसदी नौकरियां भी दी जायेंगी।
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प्रियंका गांधी ने महिलाओं के लिए जारी किये गये घोषणा पत्र को ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कांग्रेस की ओर से महिला सशक्तिकरण के इतिहास को स्पष्ट करते हुए कहा कि 60 के दशक में पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में देश को इंदिरा गांधी, उत्तर प्रदेश में पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में सुचेता कृपलानी और पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल कांग्रेस पार्टी की महिला सशक्तिकरण की सोच थी। ताकि राजनीति में करूणा, प्रेम और ईमानदारी का समावेश हो सके।
महिलाएं एकजुट हो तो बदल जायेगी राजनीति
प्रियंका ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सारी महिलाएं एकजुट हो जायें और तय कर लें कि हम इस देश की राजनीति को बदल देंगे तो निश्चित ही महिला स्वाभिमान सम्मान की राजनीति बदल जायेगी। महिलायें अगर कह दें कि हमारे लिए काम करो वरना हम तुम्हें वोट नहीं देंगे। हमने महिलाओं के लिए पहली बार अलग से घोषणा पत्र बनाया है। इसका असर यह हुआ कि प्रधानमंत्री जी पहली बार महिलाओं का कार्यक्रम बुला रहें हैं। अन्य राजनीतिक दल भी अब महिलाओं के लिए घोषणाएं कर रहें हैं। मैं बहुत खुश हूं कि एक छोटी पहल से सभी पार्टियां महिलाओं के बारे में सोच रहीं हैं।
जिन लड़कियों ने गिरफ्तार किया उनका भी शोषण हो रहा
प्रियंका ने पुरानी घटनाओं का जिक्र कर कहा कि उन्नाव से हाथरस तक हर जगह यही दिखता है कि लडकियां बहादुरी से लड़ रहीं हैं। मुझे जिन पुलिसकर्मी लड़कियों ने लखीमपुर जाते समय गिरफ्तार किया था मैंने पाया कि उनका भी शोषण हो रहा। प्रदेश में हर कहीं महिलाओं पर अत्याचार हो रहें और उल्टा पीड़ितों पर हीं मुकदमा दर्ज किया जाता है। यह गलत है इसे बदलना होगा। हमसब मिलकर परिवर्तन लायेंगे। समाज को समझायेंगे महिलाओं को बराबरी का अधिकार चाहिए, महिलाओं को नकार नहीं सकते।
मां क्यों चाहती है कि उसकी बेटी पढ़ाई कर ले?
साथ ही कांग्रेस महासचिव ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता के भावुक वक्तव्यों और ललितपुर के आत्महत्या कर चुके किसान की बेटी सविता को याद करते हुए कहा कि हर दुख का बोझ महिलाओं को ही उठाना पड़ता है। प्रियंका ने कहा कि मां क्यों चाहती है कि उसकी बेटी पढ़ाई कर ले? क्योंकि वह अपनी बेटी को अपने जीवन का संघर्ष नहीं देना चाहती है। आपसे कहा जाता है कि आप लड़की हो। मेरा आपसे कहना है कि आप अपनी शक्ति को पहचानों। एक सिलेंडर व एक शौचालय से काम नहीं चलेगा। आप को सशक्त किया जायेगा, ताकि आपको आपका अधिकार मिले। कांग्रेस सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिहाज से इंटर में पढ़ रही प्रत्येक लड़की को स्मार्टफोन दिया जायेगा, ताकि वह डिजिटल शिक्षा से वंचित न रहे और स्नातक की छात्राओं के आवागमन को सुरक्षित करने की दृष्टि से स्कूटी दी जायेगी।
शक्ति संवाद को कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने भी संबोधित किया और कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिय श्रीनेत ने संचालन किया।
शक्ति संवाद में महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष शैलजा सिंह राठौर रुचि सिंह, अंजलि रावत, नूर, नेहा सिंह, गीता मिश्र, सरोज, हबीबा, सावित्री पासी ने महिलाओं के उत्पीड़न के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और महिलाओं ने ‘‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’’ जैसा अभियान के लिए प्रियंका गांधी का आभार व्यक्त किया।