आरयू संवाददाता,
पीजीआइ। अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार से एसजीपीआइ प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कर्मचारियों ने दोपहर बाद अपनी हड़ताल को स्थागित कर दिया। कार्य बहिष्कार कर आज प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने ये फैसला निदेशक से मिले आश्वासन के बाद लिया है।
दूसरी ओर कार्य बहिष्कार के चलते मरीजों व तीमारदारों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। काउंटरों पर लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिली। हालांकि ओटी पहले से ही टाल दी गयी थी, लेकिन दूरदराज से आए मरीजों व उनके परिजनों को दवा व इलाज के लिए रोज के मुकाबले आज काफी भटकना पड़ा।
प्रदर्शन के दौरान पीजीआई कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार मिश्रा ने बताया कि एसजीपीजीआइ के कर्मचारी सातवें वेतन का भत्ता एक मुश्त देने व 2011 के नियमावली में बदलाव करते हुए पहले जैसी करने की कई बार पीजीआइ प्रशासन से मांग कर चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होने के कारण मजबूर होकर कर्मचारियों को कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन करना पड़ा।
वहीं वार्ता सफल होने के बाद कर्मचारी महासंघ की मीडिया प्रभारी सावित्री सिंह ने बताया कि पीजीआइ प्रशासन ने कर्मचारियों की दो मांगे मान ली है, जिसके तहत पहली मांग को पूरा करने के लिए 25 जनवरी तक समय मांगा गया है, जबकि दूसरी मांग को छह महीने में पूरी करने का लिखित समझौता हुआ है, इस बीच कर्मचारी महासंघ किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन नही करेगा।
दिन भर चलता रहा प्रदर्शन
सुबह ही शुरू हुई हड़ताल मे एसजीपीजीआइ के शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। अपनी मांगो को लेकर कर्मचारी नारेबाजी करते रहे। दूसरी ओर पूर्वान्ह 11 बजे से पीजीआइ प्रशासन और कर्मचारियों की टीमों के बीच लगातार बातचीत भी चलती रही। जिसके बाद एसजीपीजीआइ के निदेशक प्रो. राकेश कपूर ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि कि उनकी मांगें पूरी कराई जाएंगी। इसके लिए शासन स्तर पर भी बात चल रही है। निदेशक के भरोसा दिलाने पर कर्मचारियों ने अपरान्ह करीब तीन बजे अपनी हड़ताल स्थागित कर दी। बताते चलें पीजीआइ प्रशासन से गुरुवार को वार्ता विफल होने के बाद कर्मचारियों ने चार से छह जनवरी तक आंशिक और सात जनवरी से पूर्ण कार्य बहिष्कार का ऐलान किया था।
पुलिस व प्रशासन के अफसर रहे मुस्तैद
कर्मचारियों की हड़ताल और प्रदर्शन को देखते हुए पीएसी व आरएएफ के जवानों के अलावा बड़ी संख्या में पुलिस भी मौजूद रही। इसके अलावा एसपी नार्थ अनूप कुमार सिंह के अलावा तीन अन्य आइपीएस अफसर, सरोजनीनगर तहसील के एसडीएम, कई क्षेत्राधिकारी व आधा दर्जन थानों की पुलिस भी कैम्पस में मौजूद रही। बाद में हड़ताल स्थागित होने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
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