आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। कल योगी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में नैमिषारण्य के ललिता देवी, बलरामपुर के पाटेश्वरी और मिर्जापुर के विंध्यवासिनी शक्तिपीठ मेले का खर्च उठाने के फैसले को गुरुवार को भाजपा ने सराहनीय बताते हुए विरोधी दलों पर निशाना साधा है।
भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकरों से बात करते हुए आज प्रदेश प्रवक्ता डा. चन्द्रमोहन ने कहा कि सरकार के इस फैसले से इन तीर्थस्थान आने वाले श्रद्घालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। पिछले साल प्रदेश की सत्ता संभालते ही भाजपा सरकार ने उपेक्षित पड़े मंदिरों, तीर्थस्थानों की सुविधाओं में बेहतरी के प्रयास प्राथमिकता के तौर पर तेज कर दिए थे। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए हुए कहा कि अब लोकसभा चुनाव नजदीक आता देख अचानक मंदिरों में मत्था टेकने का दिखावा करने वाले विपक्षी नेता भी बताएं कि उनकी सरकारों में मंदिर, तीर्थस्थान पर आने वाले श्रद्घालुओं को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कितना पैसा खर्च किया गया था?
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प्रदेश प्रवक्ता ने अपने बयान में आगे कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने सत्ता संभालने के बाद ही फैजाबाद-अयोध्या को नगर निगम का दर्जा देकर यहां मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में तेजी से प्रयास शुरू कर दिए थे। सरकार ने अयोध्या के विकास के लिए 133 करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास कर चुकी है, जबकि करीब दो सौ करोड़ रुपए की अन्य योजनाएं भी शुरू हो रही हैं। वहीं ब्रज तीर्थ विकास बोर्ड का गठन कर मथुरा के संपूर्ण विकास को एक मिशन के रूप में आगे बढ़ाना शुरू किया है।
योगी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए चन्द्रमोहन ने कहा कि वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, गढ़मुक्तेश्वर, विंध्याचल और ब्रज क्षेत्र में पर्यटन संबंधी सुविधाओं का विकास करने के लिए भाजपा सरकार ने 400 करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू की हैं।
अगले साल इलाहाबाद में होने वाले कुंभ को अभूतपूर्व बनाने के लिए भाजपा सरकार 1500 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर रही है। भाजपा सरकार के इन प्रयासों ने देश ही नहीं विदेश में रहने वाले लोगों का भी ध्यान खींचा है। इससे न केवल यूपी में धार्मिक अध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के मौके भी पैदा होंगे।
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