आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के संस्थापक शिवपाल सिंह यादव पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगाने के कुछ घंटें बाद ही शिवपाल यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर तगड़ा पलटवार किया है। शनिवार की शाम शिवपाल यादव ने मायावती पर पलटवार करते हुए मीडिया से कहा कि जनता को अच्छी तरह से पता है कि भाजपा से मिलकर बार-बार किसने सरकार बनाई है।
मायावती पर हमला जारी रखते हुए शिवपाल ने कहा कि दलित, पिछड़ों और मुस्लिमों का वोट लेकर भाजपा की गोद में बैठ जाने वाले मुझ पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगा रहे हैं। अब मुझे उन्हें ये भी बताने की जरूरत नहीं है कि सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ मेरा पिछले चार दशकों का संघर्ष किसी भी संदेह के दायरे से बाहर है।
वहीं मायावती के शिवपाल यादव को भाजपा द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान करने वाले बयान पर प्रसपा अध्यक्ष ने अफसोस जताते हुए कहा कि आर्थिक भ्रष्टाचार में लिप्त और अपनी पार्टी का टिकट बेचने वाले मुझ पर भाजपा से आर्थिक सहयोग प्राप्त होने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि ये बात जनता और मीडिया को अच्छी तरह से पता है कि कौन टिकटों की दुकानदारी करता है।
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वहीं इस दौरान शिवपाल यादव ने अपने भतीजे व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को नसीहत देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को समझना चाहिए कि इससे पहले भी मायावती पिछड़ो, दलितों और मुसलमानों का वोट लेकर भाजपा की गोद में बैठ चुकी हैं, ऐसे में कहीं ऐसा न हो कि इतिहास फिर से खुद को दोहराए और मायावती लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा से जा मिलें।
सबको पता है हाल के विधानसभा चुनाव में किसने पहुंचाया भाजपा को फायदा
इस दौरान शिवपाल यादव ने हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती की भूमिका पर सीधा सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ये भी सबको पता है की राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन न कर बीजेपी को फायदा किसने पहुंचाया। यहां बताते चलें कि इन राज्यों में हुए चुनाव में बसपा कोई खास कमाल नहीं दिखा सकी थी, हालांकि कई जगाहों पर बसपा के उम्मीदवारों ने कांग्रेस के लिए मात्र वोट कटवा की भूमिका ही अदा भर की थी। जिसके बाद चुनाव में कांग्रेस का साथा नहीं देने के लिए बसपा पर ऊंगली उठी थी, हालांकि इसके बाद मायावती ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही थी।
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वहीं प्रसपा के राष्ट्रीय प्रवक्त डॉ. सीपी राय ने भी अपने एक बयान में मायावती पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश और मायावती की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती द्वारा सीधे तौर पर प्रसपा पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगाया गया है, यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है।
अखिलेश के पैदा होने के पहले से शिवपाल कर रहे सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ संघर्ष
प्रवक्ता ने गठबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि अखिलेश यादव का जब जन्म भी नहीं हुआ था, उसके पहले से ही उत्तर प्रदेश में शिवपाल यादव भाजपा सहित अन्य सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ संघर्ष कर रहें हैं। अखिलेश यादव को भी यह बात समझना चाहिए कि पहले भी मायावती पिछड़ों, दलितों और मुसलमानों से वोट लेकर भाजपा का भला कर सकी हैं। साथ ही बसपा की सरकार के दौरान सपा के कार्यकर्ताओं, पिछड़ों, मुसलमानों पर हजारों मुकदमें लिखे गये। वह कार्यकर्ता आज भी थानों, कचहरियों के चक्कर लगा रहे हैं। अगर सपा-बसपा ने राजनीतिक लाभ के लिए गठबंधन नहीं किया है तो जनता के बीच बतायें कि बसपा सरकार में जिन लोगों के खिलाफ सिर्फ राजनीतिक आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया था, उसकी भरपाई कैसे करेंगे।
बसपा ने हमेशा किया मुलायम-जनेश्वर का अपमान
सीपी राय ने आगे कहा कि सपा ने आज जिस बसपा से गठबंधन किया है, जिसने हमेशा समाजवादी पार्टी को खून-पसीने से सींचने वाले मुलायम सिंह यादव, जनेश्वर मिश्र का अपमान किया है। यह मौका परस्ती का गठबंधन हैं। समाजवादी धारा से जुड़ा कोई कार्यकर्ता और समाज का गरीब, वंचित तबका इस गठबंधन को कभी स्वीकार नहीं करेगा।