आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व सियासी पारा चढ़ गया है। दरअसल मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के साथ उनके बेटे मन्नू अंसारी ने सपा का दामन थाम लिया है। गाजीपुर जिले की मुहम्मदाबाद विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे चुके मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह शनिवार को अपने बेटे व समर्थकों के साथ गाजीपुर से लखनऊ पहुंचे। यहां सपा मुख्यालय पर अखिलेश यादव ने सिबगतुल्लाह और उनके समर्थकों के साथ बलिया जनपद के कद्दावर नेता एवं पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी को भी सपा की सदस्यता दिलाई।
इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि सिबगतुल्लाह अंसारी के पार्टी में शामिल होने पर कहा कि, यूपी की जनता परिवर्तन चाहती है, यूपी की जनता विकास चाहती है। सिबगतुल्लाह अंसारी के जुड़ने से सपा को मजबूती मिलेगी। इस लड़ाई के समय हम एक साथ आ रहे हैं। एक साथ काम करेंगे कि सपा की बहुमत की सरकार बने। मेरी कोशिश होगी कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के जितने साथी हैं, उन सभी को पार्टी से जोड़ा जाए। न जाने क्यों कुछ मजबूत रिश्ते बहुत आसानी से टूट जाते है। कोई कारण नहीं होता है। परिस्थितियां होती है, समय होता है। लेकिन खुशी है सब आए। राजनीति में उतार-चढ़ाव बना रहता है। बलिया के लोगों को विशेष बधाई दे देता हूं।
वहीं अखिलेश ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो एक्सप्रेस दिया वह समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे था। हमारे बाबाजी ने कुछ नहीं किया, उस में से केवल समाजवादी शब्द हटा दिया। जिस गुणवत्ता और रफ्तार के साथ बनना चाहिए था वो नहीं किया। हम बलिया के लोगों को भरोसा दिलाते हैं कि जब हमारी सरकार बनेगी तो उनका एक्सप्रेस सबसे अच्छा होगा। कहा कि, इनके (सीएम योगी) पास समय नहीं है। यह दूसरे के काम का फीता काटेंगे।
हुई घर वापसी: सिबगतुल्लाह अंसारी
सपा की सदस्यता लेने के बाद आभार व्यक्त करते हुए पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी ने कहा कि, ये उनकी घर वापसी हुई है। इस दौरान जब उनसे सवाल किया गया कि, क्या अफजाल अंसारी भी सपा में शामिल हो सकते हैं, इस पर उन्होंने कहा कि, ये उन्हें तय करना है।
छलके अंबिका चौधरी के आंसू
बसपा छोड़ वापस समाजवादी पार्टी की सदस्यता लेते ही अंबिका चौधरी फफक कर रो पड़े। बोले, आज का दिन मेरे लि पुनर्जन्म के बराबर है। 68 साल के अंबिका को रोते हुए देख अखिलेश भी भावुक हो गए। उन्होंने अंबिका के आंसुओं को पोछा। अंबिका ने कहा कि आज मेरे पास शब्दों का अभाव हो गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि मुझे और मेरे बेटे आनंद के साथ सब को पार्टी में जगह दी।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे मन में एक अभिलाषा है कि 2022 में अखिलेश यादव को दोबारा सीएम बनता देखूं। जो भी उपलब्धियां है इसी छांव की है।’ 2022 के विधान सभा चुनाव में हमारे सामने एक मात्र लक्ष्य है कि हमको हमारी सरकार बनानी है। यहां से लेकर गांव तक में सभी लोग अखिलेश यादव के साथ अपना नाम जोड़ना चाहते हैं। अभी की सरकार से सभी लोगों का मन टूटा हुआ है। वह दिन अब दूर नहीं है चार छह महीने बाद फिर हमारी तकदीर बदलेगी। हमारी पूरी टीम एक साथ काम करेगी। जब तक अखिलेश यादव को सीएम की कुर्सी पर बैठा नहीं देते। बलिया का एक भी व्यक्ति नहीं बैठने वाला है।
बता दें कि अंसारी परिवार पहले भी सपा का हिस्सा रह चुका है। कौमी एकता दल नाम से राजनैतिक पार्टी भी बनाई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले भी अंसारी परिवार ने कौमी एकता दल का विलय सपा में कर दिया था, लेकिन अखिलेश के विरोध पर पूरे परिवार को बाहर होना पड़ा था। जिसके बाद बसपा ने उन्हें गले लगाया था। साथ ही मऊ की सदर सीट से मुख्तार अंसारी, घोसी सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी और गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से सिबगतुल्लाह अंसारी को बसपा ने टिकट दिया। लेकिन, मुख्तार के अलावा जीत किसी को भी नसीब नहीं हुई। इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन की ओर से बसपा ने अफजाल अंसारी को गाजीपुर से टिकट दिया था और वो जीते भी।