आरयू ब्यूरो, लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एनसीसी छात्रों के कार्यक्रम में दिए गए भाषण पर बुधवार को राष्ट्रीय लोकदल ने निशाना साधा है। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि दिल्ली में एनसीसी छात्रों के बीच भाषण देते हुए देश के प्रधानमंत्री ने केवल पाकिस्तान का छदमयुद्व तथा नागरिकता संशोधन बिल में अपनी भूमिका का गुणगान किया। जबकि देश के युवाओं को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री को देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने तथा नौजवानों को नौकरियां देने का जिक्र होना चाहिए था, लेकिन नहीं हुआ।
डॉ. मसूद ने कहा कि अपने संबोधन के माध्यम से पीएम युवाओं में जन्म ले रही निराशा की भावना कुछ हदतक समाप्त कर सकते थे। साथ ही ये भी कहा कि विगत पंचवर्षीय योजना में सरकार की नोटबंदी के फलस्वरूप हजारों करोड़ नौकरियां समाप्त होने से देश के युवाओं में कुण्ठा पैदा हुई है। प्रधानमंत्री का यह दायित्व है कि युवाओं को नौकरियां देने की बात धरातल पर उतारे, ताकि कुण्ठाएं समाप्त हो सके।
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वहीं पीएम मोदी पर हमला जारी रखते हुए रालोद के प्रदेश अध्यक्ष बोले कि एनसीसी के कैडेट भी छात्र ही हैं और छात्रों को संबोधित करते समय 22 दिन पूर्व जेएनयू में छात्रों पर हुए नकाबपोशों द्वारा हमले पर भी प्रकाश डालना चाहिए था कि अब तक उन नकाबपोशों का पता लगाने के लिए सरकार क्यों फेल हो रही है। वास्तविकता यह है कि देश के प्रधानमंत्री को अपनी नाकामियां छुपाने के लिए पड़ोसी देश की चर्चा आवश्यक हो जाती हैं। यदि इतनी ही चर्चा अपने देश की समस्याओं के प्रति करे तो निश्चित रूप से निराकरण संभव होगा।