आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। हमीरपुर खनन घोटाले में पूछताछ के बाद अब ईडी की टीम ने कई सालों से ठंडे बस्ते में पड़े स्मारक घोटाले को लेकर लखनऊ में बड़ी छापेमारी की है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने गुरुवार को लखनऊ के हजरतगंज, गोमतीनगर, अलीगंज व शहीद पथ के आसपास सात ठिकानों पर छापेमारी की। टीम ने कई फर्म के साथ ही निर्माण निगम इंजीनियर्स के ठिकानों पर छानबीन की।
स्मारक घोटाला 2007 से 2011 के बीच का है, तब प्रदेश में बसपा की सरकार थी। मामले में कई इंजीनियर, ठेकेदार और सरकारी अधिकारी ईडी के निशाने पर हैं। स्मारक घोटाला बसपा मुखिया मायावती के कार्यकाल के दौरान का है। इसलिए ये आशंका जताई जा रही है कि जांच की आंच बसपा सुप्रीमो तक पहुंच सकती है।
ईडी ने उत्तर प्रदेश की सभी जांच एजेंसियों से उन सभी घोटालों की सूची मांगी है, जिनमें पांच करोड़ से ज्यादा के घोटाले से जुड़े हुए हैं। इस संबंध में ईडी की तरफ से सभी एजेंसियों को पत्र लिखे गए हैं। ईडी ने सीबी सीआइडी, ईओडब्ल्यू, एसआइटी, विजिलेंस और ऐंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है कि उनके यहां पांच करोड़ से ज्यादा के घोटाले के कौन-से मामले हैं। इन सभी मामलों की क्या स्थिति है, कितने में चार्जशीट हो चुकी है और कौन से मामले ट्रायल पर हैं।
बता दें कि लखनऊ के अंबेडकर स्मारक, परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, गौतमबुद्ध उपवन, अंबेडकर पार्क, रामबाई अंबेडकर मैदान, स्मृति उपवन व अन्य स्मारकों को बनवाने में 14 अरब 10 करोड़ 83 लाख 43 हजार रुपये के घोटाला करने का तत्कालीन बसपा सरकार के लोगों और अधिकारियों पर आरोप है।