सपा-बसपा के गठबंधन को शिवपाल ने बताया ठगबंधन, कहा अखिलेश ने पिता-चाचा को दिया धोखा तो मायावती ने…

ठगबंधन
प्रसपा में नए साथियों का इस अंदाजा में शिवपाल यादव ने किया स्वागत।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। लोकसभा चुनाव को लेकर कुछ दिनों पहले हुए सपा व बसपा के गठबंधन को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्‍यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने ठगबंधन बताया है। मंगलवार को प्रसपा के कैंप कार्यालय पर मीडिया से बात करते हुए शिवपाल यादव ने जहां सपा, बसपा के साथ ही भाजपा पर भी जमकर निशाना साधा। वहीं कांग्रेस के प्रति नरमी जाहिर की।

शिवपाल ने प्रेसवार्ता में एक सवाल के जवाब में कहा कि अखिलेश यादव ने अपने पिता और चाचा को धोखा दिया है, जबकि मायावती ने नरेंद्र मोदी और लालजी टंडन को राखी बांधकर अपना भाई माना था, लेकिन उन्‍हें भी धोखा दे दिया। ये लोग अपनों को धोखा देने वाले है इनका गठबंधन नहीं ठगबंधन है। आने वाले समय में जनता सपा और बसपा को जरूर सबक सिखाएगी।

आज शिवपाल यादव पूर्व सांसद, पूर्व विधायक समेत मुस्लिम समाज के एक दर्जन से ज्‍यादा बुद्धिजीवी, समाजसेवी, धार्मिक, राजनीतिक नेता व उनके सैकड़ों समर्थकों को सदस्‍यता दिलाकर पार्टी में शामिल करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।

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ठगबंधनइस दौरान उन्‍होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी बांटने वाली राजनीत करती है। अगामी लोकसभा चुनाव में प्रसपा की सीधी लड़ाई भाजपा से है। प्रसपा भाजपा को देश की सत्‍ता में हटाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका तो निभाएगी ही उसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में यूपी की सत्‍ता से भाजपा को हटाकर अपनी सरकार भी बनाएगी। साथ ही शिवपाल ने कांग्रेस को सेक्‍युलर दल बताते हुए कहा कि प्रसपा नफरत की राजनीति से मुकाबला करने के लिए सभी छोटे व बड़े सेक्‍युलर दलों को अपने साथ लाने की कोशिश कर रही है।

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वहीं अपनी पार्टी के बारे में बात करते हुए शिवपाल ने कहा कि आज भारी संख्या में मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवी, समाजसेवी नेताओं के पार्टी में शामिल होने से पार्टी और तेजी से आगे बढ़ेगी। हमें सर्वसमाज का समर्थन व प्यार मिल रहा है। आज मुस्लिम समाज से इतने बड़े नामों का पार्टी के साथ जुड़ना हमारे लिए गौरव की बात है, हमें भरोसा है कि इन मुस्लिम बुद्धिजीवियों व धार्मिक नेताओं के अनुभव और लोकप्रियता का लाभ पार्टी को मिलेगा।

ये लोग हुए प्रसपा में शामिल-

पूर्व राज्यसभा सांसद व अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद अदीब, पूर्व विधायक मोहम्‍मद हाफिज इरशाद, सलमान चिश्ती अजमेरी, ऑल इंडिया सुन्नी उलेमा काउंसिल के महासचिव हाजी मोहम्मद सलीस, अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन, ऑल इंडिया सुन्नी उलेमा काउंसिल के महासचिव हाजी मोहम्मद सलीस, हज कमेटी ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य व मरहूम सैय्यद मुख्‍तार अशरफ, राष्ट्रवादी समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जियाउल इस्लाम, सामाजिक कार्यकर्ता जावेद उमर फारूकी व पूर्व एडमिनिस्ट्रेटर, बहराइच दरगाह शरीफ जावेद अहमद फारूकी, हसरत मोहानी एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष हाजी अख्तर कमाल, अंसार यूथ फेडरेशन के प्रमुख गुफरान अहमद चांद, मंसूर यूथ फेडरेशन के अध्यक्ष अब्दुल रज्जाक मंसूरी, मुस्लिम लीग उत्तर प्रदेश के हाजी इश्तियाक अहमद निजामी, सज्जादा नशीन दरगाह किछौंछा शरीफ (अंबेडकरनगर) के पौत्र सैय्यद मकसूद अशरफ, किछौंड शरीफ के खादिम आस्‍ताना नफीस अख्‍तर खान और शहंशाह,  अधिवक्‍ता अशगर खान, इमरान अहमद, सैय्यद हम्मान अशरफ व अन्‍य।

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