मन की बात में बोले मोदी, VIP की जगह EPI कल्‍चर का बढ़े महत्‍व

'मन की बात'
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी के जरिए 31 वीं बार मन की बात की। मोदी ने देश के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, मन की बात में विभिन्‍न जानकारियों से रु-ब-रु होने का अवसर मिलता है साथ ही लोगों द्वारा दिए गए सुझाओं पर सरकार अध्ययन करती है। उन्‍होंने वीआईपी कल्‍चर को खत्‍म ईपीआई को बढ़ावा देने की बात कही।

मोदी ने कहा कि आम तौर पर हमारे देश में वीआईपी कल्‍चर के प्रती एक नफरत का माहौल है, लेकिन यह इतना गहरा है। इसका अनुभव मुझे अभी-अभी हुआ। देश में वीआईपी की जगह पर ईपीआई का महत्‍व बढ़े। ईपीआई से मेरा तात्‍पर्य है एवरी परसन इज इंम्‍पॉटेंट से है।

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आगे उन्‍होंने कहा कि जब सरकार ने तय कर दिया कि हिन्‍दुस्‍तान में कितना ही बड़ा व्‍यक्ति क्‍यो न हो वह अपनी गाड़ी पर लाल बत्‍ती लगाकर नहीं घूमेंगा। न्‍यू इंडिया का हमारा कांसेप्‍ट यही है कि देश में वीआईपी की जगह पर ईपीआई का महत्‍व बढ़े। सवा सौ करोड़ के लोगों का महत्‍व बढ़े।

हम सब को मिल कर दिमाग से लाल बत्‍ती निकालने का करना है प्रयास

लाल बत्‍ती वीआईपी कल्‍चर का सिंबल बन गया था, लेकिन अनुभव यह कहता था कि लाल बत्‍ती तो गाड़ी पर लगती थी, लेकिन धीरे-धीरे वह दिमाग में घुस जाती थी। अब दिमागी तौर पर वीआईपी कल्‍चर पनप चुका है। अभी तो लाल बत्‍ती गई है, इसके लिए कोई यह तो दावा नहीं कर पाएगा कि दिमाग में जो लाल बत्‍ती घुस गई है वो निकल गई होगी।

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सरकारी निर्णय से लाल बत्‍ती का जाना वो तो एक व्‍यवस्‍था का हिस्‍सा है लेकिन हम सब को मिल कर यह प्रयास करना होगा कि मन से और दिमाग से भी लाल बत्‍ती निकाली जा सके।

भारत के इतिहास और परम्‍पराओं से मिलती है ऊर्जा

मोदी ने कहा कि हमारे देश के हर कोने में शक्तियों का अम्बार पड़ा है। इतिहास को हमारी संस्‍कृती को हमारी परम्‍पराओं को बार-बार याद करते रहना चाहिए।  उससे हमें ऊर्जा मिलती है, प्रेरणा मिलती है। इस वर्ष हम सवा सौ करोड़ देशवासी संत रमानुजा चार्या जी की एक हजार वी जयंती मना रहे हैं। एक हजार साल पहले का समाज कैसा था।

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उसकी सोच कैसी थी जरा सोच के देखिए समाजिक रुढि़यों को तोड़कर निकलना हो तो कितनी दिक्‍कत होती है एक हजार साल पहले कैसा होगा। बहुत कम लोगों को मालूम होगा रामनुजा चार्या जी ने समाज में जो बुराईया थी। ऊंच नीच का, छूत अछुत का भाव था जातीवाद का भाव था इसके खिलाफ बहुत बड़ी लड़ाई लड़ी थी।

रामानुज जी ने स्‍वंय में अपने आचरण भरा समाज जिनको अछूत मानता था उनको गले लगाया। हजार साल पहले उनके मंदिर में प्रवेश के लिए उन्‍होंने आंदोलन किए थे सफलता पूर्वक मंदिर प्रवेश कराया। हम कितने भाग्‍यवान है कि हमारे समाज में फैली बुराई को दूर करने के लिए हमारे समाज से ही महापुरुष पैदा हुए है। एक मई को हम रामानुजा जी की एक हजारवी जयंती पर हम एक स्‍टैंप रिलीज करने जा रहे हैं।

डीजिटल लेंदे से वेकेशन का वेकेशन कमाई की कमाई।

अम्‍बेडकर को याद करते हुए मोदी भीम एप के बारे में बताते हुए कहा कि नई पीढी तो करीब-करीब नकद से मुक्‍त ही हो रही है। उसे कैश की जरुरत नहीं वह डीजिटल करेंसी में विश्‍वास करने लगी है। आप तो करते हैं, लेकिन इसी योजना से आप कमाई भी कर सकते हैं।

भारत सरकार में एक योजना है भीम एप की, जो कि अगर आप डाउनलोड करते होंग आप उपयोग भी करते होंगे, लेकिन किसी और को रिफर करें किसी और को जोड़े और वह नया व्‍यकित तीन ट्रांजेक्‍शन करें, आर्थिक कारोबार तीन बार करे। तो इस काम करने के लिए आपकी दस रुपये की कमाई होती है।

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आपके खाते में सरकार की तरफ से दस रुपए जमा हो जाएगा। अगर दिन भर में बीस लोगों ने इसका इस्‍तेमाल किया तो शाम तक आपकी दो सौ रुपये की कमा हो जाएगी। इस एप से व्‍यपारियों की भी कमाई हो सकती है और विद्यार्थियों की भी हो सकती है। यह योजना आपको 14 अक्‍टूबर तक है। डीजिटल इंडिया बनाने में आपका योगदान होगा। न्‍यू इंडिया के आप प्रहरी बन जाएंगे। तो वेकेशन का वेकेशन कमाई की कमाई।

सोशल मीडिया के माध्‍यम से अनुभव और फोटो करें शेयर

आप जब भी नए-नए स्‍थान नए-नए शहर, इलाके और गांव जाए, लेकिन जाने से पहले कहां जा रहे हैं उसका अभयास और जाकर के एक जिज्ञासू की तरह उसे देखना समझना लोगों से चर्चा करना उनसे पूछना यह अगर प्रयास किया तो उसे देखने का आनंद कुछ और होगा।

आप जरुर कोशिश कीजिए और तय कीजिए ट्रैवलिंग ज्‍यादा न कीजिए एक स्‍थान पर जाकर तीन दिन चार दिन लगाईये। इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। मैं चाहुंगा और यह भी सही है कि आप जा रहें हैं तो मुझे तस्‍वीर भी शेयर कीजिए कहां गए थे क्‍या नया देखा आप हैशटैग इंक्रैटिबल इंडिया का उपयोंग कर अपने अनुभवों को शेयर कीजिए।

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मोदी ने कहा कि हमारे लिए हर व्‍यक्ति का महत्‍व है और हर व्‍यक्ति का महत्‍व बढ़े सवा सौ करोड देशवासियों का महत्‍व हम स्‍वीकार करें सवा सौ करोड़ देशवासियों का महत्‍मय स्‍वीकार करें महान सपनों को पूरा करने के लिए इतनी बड़ी शक्ति एक जुट हो जाएगी।