आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कुछ समय पहले रिमोर्ट से पेट्रोल पंप पर घटतौली का खुलासा करने वाली लखनऊ एसटीएफ की टीम ने शनिवार को एक बार फिर कुछ उसी तरह का खुलासा किया है। एसटीएफ ने लखनऊ के नगराम से चार व बाराबंकी से एक जालसाल को गिरफ्तार रिमोर्ट से संचालित होने वाले इलेक्ट्रॉनिक तराजू की आड़ में ठगी करने का भंडाफोड़ किया है।
पकड़ा गया गैंग इलेक्ट्रॉनिक तराजू में छेड़छाड़ कर रिमोर्ट व गोपनीय बटन लगाने का काम करता था। इस रिमोर्ट व बटन के जरिए ही दुकानदार लोगों के सामने ही सामानों का वजन कम व ज्यादा कर उन्हें ठग रहें हैं।
एसटीएफ की पूछताछ में सामने आया है कि इस तरह के तराजू बड़ी संख्या में लखनऊ, बाराबंकी समेंत अन्य जिलों की तमाम मार्केट, दुकानों व धर्म कांटा पर लगाए जा चुके हैं। इनके ही जरिए दुकानदार लोगों को ठग रहें हैं।
इनकी हुई गिरफ्तारी-
एसटीएफ लखनऊ की टीम ने शनिवार शाम खुलासा किया कि बीती रात नगराम क्षेत्र से नगराम के ही अमवा पुर निवासी राम विलास साहू, लाल बहादुर, इंदिरानगर के हरमीत सिंह व हसनगंज उन्नाव निवासी राम किशन को गिरफ्तार किया गया है।
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इसके अलावा नाका जोशी टोला निवासी दिनेश उपाध्याय को बाराबंकी के ग्राम गौरवा उस्मानपुर से एसटीएफ ने दबोचा है। यह लोग इलेक्ट्रॉनिक तराजू में छेड़छाड़ उसे घटतौली के लिए तैयार कर बेचने के अलावा उसकी रिपेयरिंग भी करते थे।
दो दुकानदार भी पकड़े गए
बाराबंकी से पकड़े गए दिनेश उपाध्याय की निशानदेही पर एसटीएफ ने लोनी कटरा क्षेत्र की दो दुकानों पर छापा मारकर मोहम्मद हसन व मोहम्मद लल्लन को गिरफ्तार कर लोनी कटरा पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस व्यापारियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है। एसटीएफ के अनुसार छानबीन के दौरान लल्लन व हसन की दुकान पर लगे तराजू में छेड़छाड़ के बात की पुष्टि हुई है।
ऐसे होती है ठगी-
एसटीएफ के अफसरों के अनुसार पकड़े गए अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया है कि उनके जैसे बहुत सारे लोग इस जालसाजी में लिप्त हैं, क्योंकि इस प्रकार घटतौली करने वाली इलेक्ट्रॉनिक तराजू की मांग बहुत ज्यादा है। इन इलेक्ट्रॉनिक तराजूओं की प्रिंटेड सर्किट बोर्ड में ही इस प्रकार कि प्रोग्रामिंग की जाती है कि वह कैलिब्रेशन करने पर दो अलग-अलग मानक पर सेट हो जाती है। जिसको गोपनीय बटन या रिमोट की सहायता पलक झपकते ही एक से दूसरे मानक पर बदल दिया जाता है।
शक होने पर सही कर देते हैं तराजू
जालसाजों ने बताया कि इस दौरान जब किसी ग्राहक को कोई आशंका होती है और वह लोहे के बाट से अपने सामने इलेक्ट्रानिक तराजू का सत्यापन करने को कहता है तो इलेक्ट्रॉनिक तराजूू मालिक पल भर में उसे एक्यूरेट मानक पर सेट कर देते है जिससे वह रखे हुए लोहे के बाट का वजन सही बताती है और ग्राहक शांका करने के बाद भी संतुष्ट हो जाता है, लेकिन अगले ही पल दुकानदार रिमोट या इलेक्ट्रॉनिक तराजू में मौजूद गोपनीय बटन से इसको फिर से सेट कर मनचाही घटतौली कर लेते है। ऐसा करने से घटतौली करने वाले को भारी मुनाफा होता है तथा वह मार्केट में अधिक छूट व कम दाम पर सामानों की खरीद-बिक्री करता है। जिसके चलते ईमानदार दुकानदार मार्केट में जनता द्वारा उपेक्षित होते हैं, क्योंकि उन्हे ऐसा लगता है कि यह लोग मंहगा सामान बेचते है। इस मजबूरी के कारण अधिक से अधिक लोग ऐसी चिप वाली मशीनों को हम जैसे लोगों से खरीद रहें है।
मार्केट में सही से ज्यादा ठगी करने वाले तराजू
अभियुक्तों के अनुसार बाजारों में ऐसी घटतौली करने वाली इलेक्ट्रॉनिक तराजूओं की संख्या सही तराजू से अधिक हो गयी है। जोकि धर्मकाटों, लोहा मंडियों, गल्ला मंडियों, कबाड़ मार्केट समेंत लगभग सभी जगह लगवायी जा रही है।
आरोपितों के पास से एसटीएफ ने की बरामदगी-
एसटीएफ ने पांचों आरोपितों के पास से इलेक्ट्रॉनिक तराजू के अलावा, दो कूटरचित डिवाइस, तीन रिमोट, सरकारी मोहर लगी 29 एल्यूमिनियम प्लेट, चार ट्रांसर्फामर, दो बैट्री, पांच कीपैड, एक मदरबोर्ड, दो बिल बुक व 21 हजार छह सौ 50 रुपए नकद बरामद किए हैं।
आइजी एसटीएफ अमित यश के अनुसार पकड़े गए अभियुक्तों से मिली जानकारी को पुष्ट करने के साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए तैयारी की जा रही है।
गिरफ्तारी व खुलासा में इनकी रही अहम भूमिका-
आइजी एसटीएफ अमिताभ यश, एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह, सीओ अमित कुमार नागर, इंस्पेक्टर ज्ञानेन्द्र राय, एसआइ विनोद कुमार सिंह, सत्यप्रकाश सिंह, शिव नेत्र सिंह, मनोज सिंह व हेड कांस्टेबल अंजनी यादव।