नौ सालों से प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे फर्जी सहायक शिक्षकों को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

फर्जी सहायक शिक्षक
एसटीएफ के हत्थे चढ़ें फर्जी सहायक शिक्षक।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। एक ओर बीएड, टीईटी और बीटीसी करने के बाद भी बड़ी संख्‍या में अभ्‍यर्थी नियुक्ति पाने के लिए संघर्ष कर रहें हैं। वहीं दूसरी तरफ दूसरे के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर फर्जी तरीके से बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक के पदों पर नौकरी कर रहे चार फर्जी सहायक शिक्षक को लखनऊ एसटीएफ की टीम ने गुरुवार को बलरामपुर से गिरफ्तार करने में सफलता पायी है। चारों फर्जी सहायक शिक्षक शिक्षक साल 2009 से प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे थे।

एसटीएफ ने फर्जी सहायक शिक्षकों के पास से पांच मोबाइल फोन,  एक एटीएम कार्ड, एक निर्वाचन कार्ड, एक गैस उपभोक्‍ता कार्ड,  स्विफ्ट डिजायर कार व पांच हजार आठ सौ रुपए नकद बरामद किए हैं।

बताते चलें कि ये पहला मौका नहीं है जब एसटीएफ की टीम ने इस तरह की कार्रवाई की है, इससे पहले भी एसटीएफ कई फर्जी शिक्षकों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है। आज की गिरफ्तारी में पिछली गिरफ्तारियों के दौरान मिले साक्ष्‍य भी काफी काम आएं हैं।

इनकी हुई गिरफ्तारी-

  • शंभू सरन पाण्डेय उर्फ सौरभ कुमार पुत्र आद्या प्रसाद पाण्डेय निवासी पिकौरा गांव जनपद बस्ती।
  • जीवन ज्योति शुक्ला पुत्र रामचन्द्र शुक्ला निवासी ओरीजोत थाना कोतवाली नगर जनपद बस्ती।
  • विन्‍देश्‍वरी प्रसाद तिवारी उर्फ शशि केश पुत्र लवकुश तिवारी निवासी खमरिया पोस्ट रमवापुर थाना त्रिलोकपुर जनपद सिद्वार्थनगर।
  • मनोज यादव उर्फ संजय यादव पुत्र शिवशंकर यादव निवसी दुबौली थाना कोतवाली जनपद महराजगंज।

वहीं गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते हुए एसटीएफ के अधिकारियों ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि काफी दिनों से बेसिक शिक्षा विभाग में दूसरे के शैक्षिक प्रमाण पत्रों का प्रयोग कर उसी व्‍यक्ति के नाम पर नियुक्‍त होकर फर्जी लोगों के नौकरी करने की सूचना मिल रही थी। जिसके बाद एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह एसटीएफ के सीओ सत्यसेन यादव को इस मामले की जांच व कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

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सत्‍यसेन यादव ने अपनी टीम के साथ छानबीन की तो पता चला कि बलरामपुर जिले के प्राथमिक विद्यालय मढ़नी पर सहायक अध्यापक पद पर शंभू सरन पाण्डेय फर्जी तरीक से सौरभ कुमार पाण्डेय सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यायल पुदुमपुर रामराय क्षेत्र जखनिया जनपद गाजीपुर, के प्रमाणपत्रों का प्रयोग कर बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्‍त हुआ है, जबकि वास्तविक सौरभ कुमार पाण्डेय सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यायल पुदुमपुर रामराय क्षेत्र जखनिया जनपद गाजीपुर, साल 2009 में विशिष्ट बीटीसी के आधार पर जनपद महराजगंज में नियुक्‍त हुआ था।

इसी तरह शशि केश तिवारी सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय सठनी (वास्तविक नाम बिंदेश्‍वरी प्रसाद तिवारी) ने शशिकेश तिवारी पुत्र चन्द्र भूषण तिवारी सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय चरभरिया क्षेत्र निचलौल जनपद महराजगंज के प्रमाण पत्रों का प्रयोग कर बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्‍त हुआ था, जबकि वास्तविक शशि केश तिवारी सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय चरभरिया क्षेत्र निचलौल जनपद महराजगंज की प्रथम नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय परसिया खुर्द क्षेत्र फरेंदा जनपद महराजगंज में हुई थी।

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इसके अलावा पकड़े गए फर्जी सहायक शिक्षक जीवन ज्योति शुक्ला ने एसटीएफ को बताया कि उसने अपने शैक्षिक प्रमाण पत्रों में हेरा-फेरी के बाद अंकों को बढ़ाकर फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर नियुक्ति प्राप्त कर ली थी।

वहीं पकड़े गए फर्जी सहायक अध्यापक संजय यादव के खिलाफ पहले से ही बलरामपुर जिले की कोतवाली में भदवि की धारा 419/420/467/468/471 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। ये भी प्राथमिक विद्यालय में फर्जी तरीके से सहायक अध्‍यापक के पद पर नौकरी कर रहा था। कुछ समय पहले मामला खुलने के बाद एफआइआर दर्ज की गयी थी। वहीं आज तीन अन्‍य फर्जी सहायक शिक्षकों के खिलाफ बलरामपुर की कोतवाली में संबंधित धाराओं के तहत पुलिस ने मुकदमा लिखा है।

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एसटीएफ अब इन फर्जी सहायक शिक्षकों को भर्ती कराने वाले गैंग तक पहुंचने के लिए गहराई से जांच कर रही है। एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार जल्‍द ही इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।