आरयू वेब टीम। केंद्र सरकार की चार धाम परियोजना को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने ऑल वेदर राजमार्ग परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने की इजाजत दे दी है और इसके साथ ही डबल लेन हाइवे बनाने का रास्ता साफ हो गया है। पर्यावरण के हित में सभी उपचारात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एके सीकरी के नेतृत्व में एक निरीक्षण समिति भी गठित की गई है।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हाईवे के लिए सड़क की चौड़ाई बढ़ाने में रक्षा मंत्रालय की कोई दुर्भावना नहीं है। अदालत सशस्त्रबलों की ढांचागत जरूरतों का अनुमान नहीं लगा सकती है। गौरतलब है कि 11 नवंबर को चारधाम परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विस्तार से सुनवाई की, केंद्र और याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित था।
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सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से दो दिनों में लिखित सुझाव देने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट को तय करना था कि करीब 900 किलोमीटर की चार धाम ऑल वेदर राजमार्ग परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जा सकती है या नहीं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से सितंबर 2020 के आदेश में संशोधन की मांग की है जिसमें चारधाम सड़कों की चौड़ाई को 5.5 मीटर तक सीमित करने का आदेश दिया था।
केंद्र का कहना है कि ये भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा की ओर जाने वाली सीमा सड़कों के लिए फीडर सड़कें हैं, उन्हें दस मीटर तक चौड़ा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।