पुलवामा हमले में साजिश की आशंका वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

आरक्षण

आरयू वेब टीम। 

जम्‍मू-कश्‍मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले को लेकर उठ रहे सवालों के बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़ी एक याचिका खारिज कर दी। खारिज होने वाली इस याचिका में लोकसभा चुनाव से पहले 14 फरवरी को देश को हिलाकर रख देने वाले इस हमले को लेकर षड्यंत्र की आशंका जताते हुए सुप्रीम में जांच की मांग की गयी थी।

सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत धांडा की ओर से दाखिल की गयी याचिका में पुलवामा और उरी हमलों की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई में जांच आयोग के गठन की मांग की थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दखल देने से इंकार कर दिया है यानी कोर्ट अब इन हमलों की जांच या निगरानी नहीं करेगा।

यह भी पढ़ें- कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला, सुरक्षा खामियों को बताया पुलवामा हमले की वजह, उठाएं ये सवाल

आज चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ वकील विनीत धांडा की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। धांडा ने हमले के पीछे के व्यापक षड्यंत्र की जांच का अनुरोध किया था। हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए हैं। जनहित याचिका में कहा गया है कि हमले में करीब 370 किलोग्राम आरडीएक्स का उपयोग हुआ था और इसकी विस्तृत जांच किए जाने की जरूरत है।

याचिका में सुरक्षा चूक और स्थानीय लोगों की भूमिका जैसे अन्‍य पहलुओं पर सवाल उठाते हुए की जांच की मांग की थी और साथ ही हुर्रियत नेताओं पर सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की थी।

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला, CRPF के 42 जवान शहीद, जैश ने ली जिम्मेदारी

सुप्रीम कोर्ट की ओर से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि सेना, खुफिया विभाग और स्थानीय प्रशासन की मदद से पुलवामा और उरी आतंकी हमले के पीछे और पाकिस्तानी आंतकियों की मदद करने वाले भारतीय नागरिकों की भूमिका की जांच हो। साथ ही सोशल मीडिया पर देश के खिलाफ राष्ट्र विरोधी,  सशस्त्र बल विरोधी व शहीदों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को अपराध घोषित किया जाए।