आरयू वेब टीम।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आम्रपाली ग्रुप्स के अधूरे हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए रियल एस्टेट कंपनी का रेरा रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने का आदेश दिया। साथ ही आम्रपाली के 42 हजार होम बायर्स को बड़ी राहत देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) आम्रपाली के अधूरे प्रॉजेक्ट्स को पूरा करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आम्रपाली मामले में समूह की सभी कंपनियों के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने का आदेश दिया। जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने निर्देश दिया कि ईडी आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ विस्तृत जांच करे। कोर्ट ने एनबीसीसी को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रोजेक्ट्स को पूरा करके उनके खरीददारों को देने का निर्देश दिया है।
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इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करने का आदेश देते हुए कहा कि ग्रुप ने मनी लॉन्ड्रिंग की है। फ्लैटों की जारी अलॉटमेंट की गई। कोर्ट ने कहा कि डायरेक्टर्स ने बायर्स के पैसे को कहीं और डायवर्ट किया और बिल्डर्स ने इससे भारी मात्रा में पैसा बायर्स से लिया। इस केस में बड़ी धोखाधड़ी हुई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली ग्रुप को नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी द्वारा दी गई लीज रद्द की जाए। आम्रपाली ग्रुप का रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी के तहत किया गया रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश दिया। होम बायर्स को पेंडिंग अमाउंट तीन महीने में कोर्ट रजिस्ट्री में जमा कराने को कहा गया है। आर. वेंकट रमानी को कोर्ट रिसीवर नियुक्त किया गया है। मामले की अगली सुनवाई नौ अगस्त को होगी।
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इससे पहले आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आपने आसमान की ऊंचाई तक लोगों के साथ धोखा किया है। आपने बायर्स, बैंक और अथॉरिटी सबको चीट किया है। आप लोगों ने गंभीर फ्रॉड किया है। जो भी पावरफुल लोग आप लोगों के पीछे खड़े हैं हम किसी को नहीं छोड़ेंगे, सबके खिलाफ क्रिमिनल केस चलेगा। अथॉरिटी और बैंकर्स ने भी लोगों का विश्वास तोड़ने का काम किया इस कारण बॉयर्स ने सफर किया है।