आरयू वेब टीम। भारत रत्न से सम्मानित स्वर कोकिला लता मंगेशकर का रविवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। कोरोना संक्रमण के बाद उनकी तबियत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया था। वह 92 वर्ष की थीं। स्वर कोकिला के नाम से दुनिया भर में मशहूर लता मंगेशकर ने करीब पांच दशकों से अधिक समय तक हिंदी सिनेमा में गायिकी के क्षेत्र में एकछत्र राज किया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इसी साल की शुरुआत में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कोरोना संक्रमण से वह जूझ ही रही थीं कि बाद में उन्हें निमोनिया भी हो गया, इससे उनकी हालत नाजुक चल रही थी। शनिवार को फिर से उन्हें वेंटिलेटर पर ले जाया गया था, जहां रविवार सुबह आठ बजे के लगभग उन्होंने अंतिम सांस ली।
लता को भारत की ‘सुर साम्राज्ञी’ के नाम से जाना जाता है। उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
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लता मंगेशकर के करियर की बात करें तो भारतीय सिनेमा की बेहतरीन गायिकाओं में शुमार लता ने 13 साल की उम्र में 1942 में अपने करियर की शुरूआत की थी। उन्होंने विभिन्न भारतीय भाषाओं में अब तक 30 हजार से अधिक गाने गाये हैं। सात दशक के अपने करियर में उन्होंने कई ऐसे गाने गाये हैं, जो आज भी लोगों के जेहन में हैं।
इनमें ‘‘अजीब दास्तां है ये’ ‘प्यार किया तो डरना क्या’ और ‘नीला आसमां सो गया’ शामिल है। लता को भारत की ‘सुर साम्राज्ञी’ के नाम से जाना जाता है और उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा लता को पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।