आरयू ब्यूरो,लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बुरी तरह से हार पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बैठक कर समीक्षा की। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश समेत उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर की प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों को इस्तीफा देने के लिए कहा है।
वहीं सोनिया गांधी के फैसले के बाद यूपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए मंगलवार शाम इस्तीफा दे दिया। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू तमकुही राज विधानसभा सीट पर तीसरे नंबर पर रहे। लल्लू अपनी जमानत तक नहीं बचा सके, उन्हें महज 14.78 प्रतिशत वोट मिले।
लल्लू के बारे में यह भी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को जानकारी मिली है कि कई बार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के फोन भी नहीं उठा रहें थे। यहीं वजह है कि लंबे समय तक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जैसी महत्वपूर्ण सीट संभालने वाले अजय कुमार पार्टी अपने स्तर से जमीनी लेवल पर मजबूती नहीं दे सके। बाद में प्रियंका ने यूपी कमान संभालते हुए जरूर संगठन को न सिर्फ विस्तार दिया, बल्कि मठाधीशी करने वाले कुछ नेताओं को भी कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखाया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद यूपी के चुनावी चक्रव्यूह में प्रियंका लगभग अकेली ही नजर आयीं, यूपी में कांग्रेस की हार की एक बड़ी वजह यह भी बनीं। वहीं उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी श्रीनगर सीट से चुनाव हार गए। उन्हें भाजपा के धन सिंह रावत ने करीबी मुकाबले में 587 वोट से हराया।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को बताया कि, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर की प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों को इस्तीफा देने के लिए कहा है, ताकि प्रदेश कांग्रेस कमेटियों का पुनर्गठन किया जा सके।’’
वहीं रविवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए कहा था कि वह संगठनात्मक चुनाव पूरा होने तक पद पर बने रहें और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया ने कहा कि ‘हम पार्टी के हित में किसी भी त्याग के लिए तैयार हैं। सीडब्ल्यूसी में शामिल नेताओं ने सोनिया गांधी से यह भी कहा कि वह कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए जरूरी बदलाव करें और सुधारात्मक कदम उठाएं। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में करीब साढ़े चार घंटे तक हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में यह फैसला भी किया गया कि संसद का बजट सत्र संपन्न होने के तत्काल बाद एक ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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सूत्रों के अनुसार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि जब उन्होंने उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभाली थी तो संगठन नाम की कोई चीज नहीं थी, लेकिन जो कदम उन्होंने उठाए हैं, उसका फल भविष्य में मिलेगा। सूत्रों ने यह भी बताया कि कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन में विलंब और आंतरिक कलह के कारण नुकसान हुआ।
सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए गंभीर चिंतन का विषय हैं। पार्टी का यह मानना है कि अपनी रणनीति में खामियों के चलते हम जहां चार राज्यों में भाजपा सरकारों के कुशासन को प्रभावी ढंग से उजागर नहीं कर पाए। सीडब्ल्यूसी के मुताबिक पंजाब राज्य में नेतृत्व बदलाव के बाद मिले सीमित समय में सत्ता विरोधी लहर पर काबू नहीं पाया जा सका।