UP के गन्‍ना मंत्री को पत्र लिखकर बोले कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष, ब्‍याज समेत तुरंत कराएं किसानों के बकाए का भुगतान

इन्‍वेस्‍टर समिट

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कृषि विधेयकों के साथ शुरू हुई किसानों पर राजनीति थमती नजर नहीं आ रही है। बुधवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए यूपी के गन्ना विकास एवं चीनी मिल के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा को सात सूत्रीय मांगों वाला पत्र लिखा है। प्रदेश अध्‍यक्ष ने सुरेश राणा से किसानों के बकाए भुगतान को सरकार से ब्‍याज के साथ तुरंत कराने की मांग की है।

प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा है कि यूपी में अतिवृष्टि के चलते गन्‍ना किसानों की फसल पूरी तरह नष्ट हो गयी है, ऐसी परिस्थिति में गन्ना किसानों को समुचित आर्थिक मुआवजा दिये जाने के साथ ही चीनी मिलों पर गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को ब्‍याज के साथ कराया जाए।

लल्लू ने अपने पत्र में लिखा है कि बड़े पैमाने पर गन्ना उत्पादक जिलों में अति वृष्टि से हुए जलभाव के चलते गन्ने की फसल सूखने की खबरें हैं जिनको सरकारी सर्वेक्षण में भी सही माना गया है, लेकिन अभी तक ऐसे प्रभावित किसानों को सरकार द्वारा किसी भी तरह की मदद का आश्‍वासन नहीं दिया गया, जिसके चलते गन्ना किसान दोहरी मार झेलने के लिए अभिशप्त है, क्योंकि एक तरफ उसे बकाये गन्ने का भुगतान अभी तक नहीं मिला और दूसरी तरफ अतिवृष्टि व रेडरौट बीमारी से उसकी फसल नष्ट हो गयी है।

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इसके अलावा यूपी में बंद चीनी मिलों के चलते गन्ना बेचने में किसानों को असुविधा होने व मिलों पर बकाये गन्ने के भुगतान, बकाये मूल्य पर ब्याज न मिलने व उनकी उपज का उचित मूल्य न मिलने के कारण गन्ने के बुआई के रकबे में लगातार कमी आ रही है जिससे किसान आर्थिक संकट व कर्ज में फंसता जा रहा है। इतना ही नहीं प्रदेश की योगी सरकार ने साल 2017 से गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया, जबकि किसानों की लागत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

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अपने सात सूत्रीय मांग वाले पत्र में अजय कुमार ने प्रमुख रूप से बंद चीनी मिलों को चलाने, सरकारी सर्वेक्षण में फसल के नुकसान का मुआवजा दिये जाने, गन्ने को कृषि फसल बीमा योजना में शामिल करने, गन्ना मूल्य 450 रूपये प्रति कुंतल किये जाने व विगत 2019 में  न्यायालय में गन्ना आयुक्‍त द्वारा दिये गये शपथ पत्र के अनुरूप गन्ना किसानों को तत्काल बकाया गन्ना मूल्य एवं बकाये गन्ना मूल्य पर ब्याज दिये जाने की मांग की है।