विधानसभा में बोले अजय लल्‍लू, “BJP ने किया था 70 लाख रोजगार का वादा, नौकरी मांगने पर अब युवाओं पर मुकदमें दर्ज करा रही योगी सरकार”

विधानसभा में झूठ
अजय कुमार लल्लू। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में बेरोजगारी व नियुक्तियों के अटकने के मुद्दे को लेकर सोमवार को कांग्रेस ने विधानसभा में योगी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आज कहा कि भाजपा ने अपने लोक संकल्प पत्र में पांच साल में 70 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन खुद मुख्यमंत्री द्वारा की गयी घोषणा में महज चार लाख रोजगार देने का दावा किया गया जो कि उनके वादे का मखौल उड़ाती है।

साथ ही अब बेरोजगार मजबूरी के चलते सड़कों पर उतरकर नौकरी की मांग कर रहें हैं तो योगी सरकार उनपर मुकदमें दर्ज करा रही है। हाल ही में प्रयागराज में न सिर्फ सौ से अधिक बेरोजगारों पर सरकार ने मुकदमा दर्ज करवा दिया, बल्कि तीन युवाओं को जेल भी भिजवा दिया।

योगी सरकार के बेरोजगारी पर प्रस्तुत किये गये आंकड़ों को हवाई बताते हुए अजय लल्‍लू ने कहा कि यूपी में सरकारी भर्तियों के तमाम आयोगों में यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग प्रमुख है, लेकिन उसकी मौजूदा बदहाल स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2016 से लेकर 2019 के बीच इसके द्वारा निकाली गयी 24 प्रकार की भर्तियों में से 22 भर्तियां अभी तक अटकी हुई हैं। लंबित भर्तियों में वीडीओ 2018, युवा कल्याण अधिकारी, गन्ना पर्यवेक्षक, सम्मिलित तकनीकी सेवा, आबकारी सिपाही आदि शामिल हैं। वीडीओ 2018 की भर्ती के अभ्यर्थी पिछले 17 महीने से लगातार नियुक्ति की मांग को लेकर सड़कों पर आंदोलनरत हैं।

49568 में से मात्र 14 हजार अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग पर भेजा

लल्‍लू ने आगे कहा कि इसके अलावा यूपी कांस्‍टेबल भर्ती के अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में है। साल 2018 में सिपाही पद के लिए 49568 रिक्तियों में से मात्र 14 हजार अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग पर भेजा गया। अन्‍य 35568 अभ्यर्थी अभी तक अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं और आये दिन राजधानी में धरना-प्रदर्शन करने को मजदूर हैं। अहंकारी और संवेदनहीन सरकार ने इनको अपने हाल पर छोड़ दिया है।

प्रदेश की विकास दर घटकर लगभग 6.4 प्रतिशत रह गयी

प्रदेश अध्‍यक्ष ने विधानसभा में यह भी दावा किया कि इस समय बढ़ती बेरोजगारी और घटते विकास दर के कारण प्रदेश का नौजवान बेहाल है। बेरोजगारों को रोजगार दे पाने में सरकार अक्षम साबित हो रही। जिसके चलते प्रदेश की विकास दर घटकर लगभग 6.4 प्रतिशत रह गयी है।

युवा-बेरोजगारों की आत्महत्या के आंकड़े बढ़ रहे

लल्‍लू ने सरकारी आंकड़ों पर कहा कि अब सरकार 90 दिनों में पांच लाख रोजगार देने जैसे झूठे दावे करके बेरोजगारों और युवाओं का मजाक उड़ा रही। यूपी में आर्थिक तंगी और बेरोजगारी के चलते आये दिन युवा-बेरोजगारों की आत्महत्या के आंकड़े बढ़ रहे हैं।

पूरे देश में सबसे अधिक बेरोजगार

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अब तक 36 लाख से अधिक बेरोजगार नौजवानों ने सरकारी रोजगार पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। उत्‍तर प्रदेश में बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत से अधिक है जो कि पूरे देश में सबसे अधिक है।

बेरोजगारों का शोषण है संविदा और ठेके पर नौकरी

वहीं सरकार की ओर से दिए गए एक बयान का जिक्र करते हुए लल्‍लू ने कहा कि संविदा और ठेके पर नौकरी करने वाले युवाओं को रोजगार बताया जाना किसी भी कीमत पर उचित नहीं है, बल्कि यह युवाओं और बेरोजगारों का शोषण है। अगर प्रदेश सरकार ने यूपी में लंबित भर्तियों को जल्द से जल्द पूरा करके हल नहीं निकाला तो प्रदेश भर में पढ़े-लिखे नवयुवक सड़क पर उतरकर आंदोलन करने या गलत रास्तों पर चलने के लिए मजबूर हो जायेगें।

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