UP विधानसभा में अलीगढ़ हिंसा को लेकर हंगामा, कांग्रेस-सपा ने किया वाकआउट

यूपी विधानसभा

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ अलीगढ़ में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा का मामला सोमवार को यूपी की विधानसभा में भी छाया रहा। विधानसभा की कार्यवाही की शुरूआत के बाद यह मुद्दा उठा, जिस पर चर्चा को लेकर तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद कांग्रेस और सपा ने सदन का बहिष्कार किया।

दरअसल, विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी की तरफ से नियम 56 के तहत कानून व्यवस्था और अलीगढ़ के मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्‍नकाल के बाद इस मुद्दे पर चर्चा की बात कही। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए सपा और कांग्रेस के विधायकों ने सदन का वर्क आउट किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सपा और बीजेपी पर शांतिपूर्ण चल रहे आंदोलनों को उकसाने का और लाठीचार्ज का आरोप लगाया।

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इस दौरान नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि लोकतंत्र में प्रदर्शन करना सभी का अधिकार है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार प्रदर्शनकारियों पर दमनकारी नीति अपनाते हुए लाठीचार्ज नहीं कर सकती। इस मुद्दे पर सदन का बहिष्कार करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने सवाल पूछा कि आखिर भाजपा शांतिपूर्ण आंदोलन को दमन क्यों कर रही है? उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जब महिलाएं धरने पर बैठने जा रही थी तो पहले वहां प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पानी डाल दिया गया, उन्हें बैठने से मना कर दिया गया। फिर भी महिलाओं ने वहां धरने पर बैठ कर आंदोलन को चलाने का काम किया।

उन्होंने कहा कि इस मामले में रविवार को डीएम ने कहा कि हम किसी भी तरह से इस आंदोलन को चलने नहीं देंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का आरोप है कि सरकार के स्तर पर आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने दबाव बनाकर लाठीचार्ज कराने की भी बात कही। इस मामले में उन्होंने कहा कि कुछ अराजक तत्वों ने गोली चलाई, उसका वीडियो फुटेज भी है। उन्होंने सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया।

बता दें, नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ अलीगढ़ में रविवार को पुरानी चुंगी में करीब एक हजार और जमालपुर में डेढ़ हजार प्रदर्शनकारी धरना दे रहे थे, जिन्हें देर रात करीब तीन बजे पुलिस ने बल प्रयोग कर हटाया। इसके बाद अबतक पुलिस और प्रदर्शकारियों की ओर से पांच-पांच मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं।

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