आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के विद्युत व्यवस्था में सुधार के उपाय विषयक सम्मेलन में मंगलवार को पहुंचे ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित किया। श्रीकांत शर्मा ने आज एक बार फिर चेतावनी देते हुए कहा है कि उपभोक्ता सेवाओं से समझौता करने वाले और उपभोक्ताओं से छल करने वाले उनके रडार पर हैं। फिर कोई कितना भी बड़ा हो बचेगा नहीं, सबकी जवाबदेही तय होगी।
श्रीकांत शर्मा ने कहा कि यह सरकार उपभोक्ता हितैषी सरकार है, उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलें यही हमारी मंशा है। यही सबकी होनी चाहिए। सरकार का रोजाना के कामकाज पर कोई हस्तक्षेप नहीं है, मतलब है तो केवल उपभोक्ता को बेहतर सेवा से। इस बात को सबको गंभीरता से लेना होगा। पावर कॉरपोरेशन में उपभोक्ता ही सब कुछ है, इस बात का ध्यान सभी को होना चाहिए। उनके हितों से खिलवाड़ किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं होगा।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार उपभोक्ता देवो भवः की नीति पर चल रही है। विभाग भी ऐसे ही चलेगा, कारपोरेशन को भी इसी नीति के हिसाब से चलना होगा। अभियंताओं के पास सघन निगरानी का दायित्व है, तो उसे ठीक से निभाएं। साथ ही ये भी कहा कि अभियंता उपभोक्ताओं के हितों के रक्षक हैं, उपकेंद्र के चौकीदार हैं। उन्हें एक-एक चीज का हिसाब रखना होगा। उनकी पहली और अंतिम जिम्मेदारी उपभोक्ता की संतुष्टि ही है।
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साथ ही ये भी कहा कि ऊर्जा विभाग 90 हजार करोड़ के घाटे में है। आज जरूरत है तो इसे आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की। इसके अलावा श्रीकांत शर्मा ने कहा कि स्मार्ट मीटर का भी मामला रहा हो, हमने उपभोक्ता सेवाओं को ध्यान में रखते हुए इस नई सुविधा को शुरू किया। मंशा यह थी कि सबको समय पर सही बिल मिले, उपभोक्ताओं को सहूलियत हो।
इसकी शुरुआत हमने अपनी विधानसभा से की, ताकि कोई खामी हो तो उसकी जानकारी हो जाए। गलतियां मिली हमने चेताया भी, जब पानी सिर से ऊपर निकल गया तो हमने ही इसे बंद कराया। इस हिदायत के साथ कि यह कवायद तभी शुरू होगी जब सब ठीक हो जाये, उपभोक्ता पूरी तरह संतुष्ट हो जाए।
कार्यक्रम के अंत में अभियंताओं ने घाटे को लेकर हुई लापरवाहियों पर माफी भी मांगी और शपथ ली कि उपभोक्ता सेवाओं में सुधार के साथ, अपने आचरण और व्यवहार को ठीक रखते हुए विभाग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सतत प्रयास करेंगे।